प्रबोधिनी एकादशी पर श्री मां विंध्यवासिनी दीपदान महोत्सव, विशाल देवी जागरण
भव्य श्रृंगार एवं प्रसाद वितरण का किया जाएगा आयोजन
विंध्याचल। मां विंध्यवासिनी धाम प्रांगण में प्रतिवर्ष के भारत इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम से और हर्ष उल्लास के साथ गुरुवार को प्रबोधिनी एकादशी को मनाया जायेगा।
"चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है"
पुराने के अध्ययन से यह ज्ञात है की मां विंध्यवासिनी देवी ही आदि शक्ति मूल प्रकृति की सर्वोच्यसत्ता है।
"आराध्या परमाशक्ति: सर्वैदपि सुरसुरै,
नातः परतरम किश्चिदधिंक भुवनत्रये"
आगामी प्रबोधिनी एकादशी गुरुवार पर मां विंध्यवासिनी के प्रांगण में अखंड दीप मालाओं का प्रज् वाला मां योग माया विंध्यवासिनी जो दूसरों स्वरूप में विद्यमान है भक्तों द्वारा एक सच्ची भावांजलि है वास्तव में यह आयोजन इस वैदिक आवाहन को एक मूर्ति रूप देने का प्रयास है।
इस पावन पर्व का महत्व इसलिए अधिक बढ़ जाता है क्योंकि आज के दिन से पूरा भगवान नारायण विष्णु निद्रा का त्याग कर सांसारिक क्रियो का संचालन प्रारंभ करते हैं आज के इस पावन पर्व पर विंध्यवासिनी प्रांगण में दीपदान महालक्ष्मी स्वरूप मां विंध्यवासिनी एवं भगवान नारायण दोनों को प्रसन्न कर अक्षय पुण्य के भक्तभागी बनता है। मात्र दीप दान से ही नवरात्र फल की प्राप्ति होती है।
इस दौरान मुख्य आयोजक श्री मां विंध्यवासिनी के प्रधान पुजारी (श्रींगारिया) पंडित शेखर शरण उपाध्याय,कार्यक्रम के अध्यक्ष सुशील सिंह,प्रभु सिंह धनबाद,संयोजक राजन पाठक,रघुवर उपाध्याय,राघवेंद्र उपाध्याय, तेजन गिरी,विनय उपाध्याय,पंकज अग्रहरी,उदयादित्य पांडेय आदि लोग कार्यक्रम में रहेंगे।
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