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नवजात शिशु के मौत के मामले में सीएमओ ने दया चाइल्ड मे किया जांच, नहीं दिखा पाए कोई कागजात

नवजात शिशु के मौत के मामले में सीएमओ ने दया चाइल्ड मे किया जांच, नहीं दिखा पाए कोई कागजात

राजगढ़,मिर्जापुर। राजगढ़ क्षेत्र में सोमवार को जिले से आए टीम ने की जांच। निजी नर्सिंग होम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने राजगढ़ क्षेत्र में बीते 16 सितंबर को नवजात शिशु की मौत के बाद दया चाइल्ड केयर हॉस्पिटल की जांच की। जिसमें अस्पताल खुला रहा लेकिन इन्हें भनक कैसे लगी यह कोई नहीं जान नही पा रहा है। सीएमओ के आते ही अस्पताल में चल रहे गोरख धंधे जिसमें बहुत बच्चे की मौत का सिलसिला खत्म हो गया लेकिन जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी की टीम जांच करने गई तो मौके पर डॉक्टर फरार हो गए और उनके सहकर्मियों ने कोई भी कागजात नहीं दिखा पाए और डॉक्टरों ने भी कहा कि अस्पताल फर्जी चल रहा है। इसकी जांच की जाएगी और कठोर कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ के आते ही प्राइवेट नर्सिंग होम बंद हो गए । उनकी भी जांच करनी चाहिए राजगढ़ क्षेत्र में कुकुरमुत्ता की तरह खुले निजी नर्सिंग होम इस समय गोरख धंधा चल रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन के ही बड़े-बड़े डॉक्टर के बैनर लगाए गए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण इलाकों में गोरखधंधा चल रहा है जहां पर मरीज को काफी आर्थिक के साथ मानसिक रूप से क्षति उठानी पड़ रही है। सीएमओ के आने की पहले ही प्राइवेट निजी नर्सिंग के शटर गिरे।  शटर बंद कर फरार हुए जिससे जांच न होने से मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसके बाद सीएमओ की टीम राजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच की जहां पर ब्लड बैंक की मशीन जहां पर सैकड़ो की संख्या में जा चुकी है बंद पाया गया लेकिन ऐसी मशीन लगाने से क्या फायदा जो किसी के काम का नहीं रह गया है क्षेत्र के कृष्ण कुमार, मनोज भारती, मनोज, कैलाश विनय कुमार ने बताया कि जांच मशीन शो पीस बनकर रह गई है ।उद्घाटन के समय बड़े-बड़े लंबे-लंबे वादे किए गए ।सभी की जांच निशुल्क की जाएगी ।लेकिन डॉक्टर भी अस्पताल परिसर में जांच ना करवा कर बाहर मरीजों को भेजते हैं ।जिससे उनका आर्थिक शोषण होता है। और जब दवाइयां लिखी जाती है तो उनकी कमर ही टूट जाती है इतनी महंगी दवाइयां कौन खरीद पाएगा । अस्पताल परीक्षा के पैथोलॉजी विभाग में मलेरिया, टाइफाइड, हीमोग्लोबिन, एचआईवी, बलगम टेस्ट, और अन्य तरह के जांच अस्पताल में मुफ्त में किए जाते हैं। लेकिन जितने भी अस्पताल में डॉक्टर हैं सभी लोग बाहर जांच मरीजों को कहते हैं जहां पर मोती कमीशन के साथ मरीजों की जेब ढीली हो जाती है। और इसके बाद सीएमओ ने राजापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बघौडा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पचोखरा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राजापुर आयुष्मान गोल्डन कार्ड की प्रगति की जानकारी ली। लेकिन यहां पर डॉक्टर नहीं मिले उन्होंने कहा  की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस संबंध में जब राजगढ़ चिकित्सा प्रवाहित डॉक्टर पवन कश्यप से बात हुई तो उन्होंने कहा कि राजगढ़ अस्पताल में सीएमओ ने जांच किया। जहां पर राजगढ़ अस्पताल परिसर में पहुंचकर आयुष्मान गोल्डन कार्ड प्रगति की जानकारी जहां पर आयुष्मान गोल्डन कार्ड ज्यादा बनाने के लिए जोर दिया गया इसके बाद साफ सफाई पैथोलॉजी केंद्र और अन्य जांच की गई ।सब कुछ ठीक-ठाक पाया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि एक्सरे टेक्नीशियन ना होने के कारण मरीज को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।एक हफ्ते के अंदर यहां पर  टेक्निशियन शिफ्ट हो जाएंगे जहां पर मरीजों को राहत मिलेगी।


राजगढ़ से जयप्रकाश मौर्य कि रिपोर्ट

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