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प्रधान एवं रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी एवं बच्चों के नाम मनरेगा की मजदूरी खाते मे कर दी भुगतान , मचा हड़कंप 

प्रधान एवं रोजगार सेवक ने अपनी पत्नी एवं बच्चों के नाम मनरेगा की मजदूरी खाते मे कर दी भुगतान , मचा हड़कंप 
जय प्रकाश मौर्य 
राजगढ़,मिर्जापुर।विकासखंड राजगढ़ में हद हो गई मनरेगा के कार्यों में अपनी पत्नी एवं दो बच्चों को मनरेगा का धन खाते में प्रेषित कर देने का मामला प्रकाश में आया है। प्रधान तो प्रधान ग्राम रोजगार सेवक भी कम नहीं। ग्राम रोजगार सेवक भी अपनी पत्नी  के खाते में मनरेगा मजदूरी का पैसा प्रेषित कर दिया।
  खंड विकास अधिकारी राजगढ़ द्वारा गुलाब राम ग्राम रोजगार सेवक ग्राम पंचायत चौखड़ा को पत्रांक 852/ मनरेगा /2023 24 दिनांक 14 अगस्त 23 को कारण बताओं नोटिस देकर आवास के मजदूरों की मजदूरी में की गई फर्जीवाड़ा के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिसके क्रम में पत्रांक 782/ जांच/ चौखड़ा/2023 24 दिनांक 29 अगस्त 23 को तीन सदस्यीय समिति गठित करते हुए जांच के लिए निर्देश दिया गया था। जिसके अनुपालन में जांच कमेटी द्वारा ग्राम पंचायत चौखड़ा के पंचायत भवन पर मनरेगा श्रमिकों, ग्राम वासियों, ग्राम प्रधान, ग्राम रोजगार सेवक ,ग्राम पंचायत सचिव, शिकायतकर्ता तपेश्वरी पत्नी मन्नू, शिवकुमारी पत्नी विक्रांत, व जीउती पत्नी शिव शंकर की उपस्थिति में शिकायतों की जांच की गई। जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि तपेश्वरी पत्नी गुन्नू एवं संगीता पत्नी चंद्र प्रकाश को वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री आवास मिला। तपेश्वरी पत्नी गुन्नू के आवास की कुल मजदूरी में से 28 दिन की मजदूरी तपेश्वरी के पति मन्नू के खाते में, 52 दिन की मजदूरी तपेश्वरी के खाते में प्रेषित की गई है ।जबकि 10 दिन की मजदूरी का पैसा राधा पत्नी अनीश के खाते में प्रेषित हुई है। वहीं दूसरी ओर संगीता पत्नी चंद्र प्रकाश के आवास की कुल मजदूरी में से 48 दिन की मजदूरी संगीता के खाते में प्रेषित हुई है। जबकि 45  दिन की मजदूरी की धनराशि अन्य 6 की मजदूरी रविंद्र के खाते में, 6 दिन की मजदूरी दुर्गावती के खाते में, 14 दिन की मजदूरी सूर्यकेश के खाते में ,14 दिन की मजदूरी व्यूमकेश के खाते में,और पांच दिन की मजदूरी सरोज देवी के खाते में प्रेषित की गई है।
ग्राम रोजगार सेवक गुलाब राम की पत्नी किरन, ग्राम प्रधान के दो पुत्र उत्कर्ष सिंह एवं क्षितिज सिंह तथा ग्राम प्रधान की पत्नी पूर्णिमा सिंह के द्वारा मनरेगा में वास्तविक रूप से मजदूरी का कार्य नहीं किया जाता है।परंतु उपरोक्त सभी का फर्जी तरीके से उपस्थिति लगाकर उनके खाते में मजदूरी की धनराशि प्रेषित की गई है।
  मनरेगा योजना अंतर्गत श्रमिकों के मांग पर मांग पत्र बनवाने, मस्टर रोल जारी करने तथा कार्य स्थल पर श्रमिकों की उपस्थिति लेने की जिम्मेदारी ग्राम रोजगार सेवक की होती है। इससे स्पष्ट होता है कि ग्राम रोजगार सेवक द्वारा अपने कार्यों के प्रति लापरवाही व जानबूझकर अनियमितता की गई है।
   जांच से स्पष्ट है कि ग्राम रोजगार सेवक द्वारा पदीय दायित्वों का निर्वहन न करते हुए मनरेगा गाइडलाइन के विपरीत कार्य किया गया ।इस कृत्य हेतु संविदा समाप्ति की कार्यवाही के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।इस संबंध में दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण उपस्थित होकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया
     ग्राम विकास अधिकारी दीपक त्रिपाठी को निर्देशित किया गया है कि प्रशासनिक समिति की बैठक कर दो दिन के अंदर  नोटिस जारी कर कार्रवाई से अवगत कराया जाय।
   आवास के लाभार्थियों में ग्राम प्रधान एवं सहयोगियों पर आरोप लगाया कि आवास का पैसा ग्राम प्रधान में ले लिया और कहा कि आवास हम बनवा करके देंगे आवास निर्माण में बालू की जगह भस्सी का प्रयोग किया गया है एवं बरसात में छत से पानी टपक रहा है ।आवास के लाभार्थी मजबूरन बारिश के मौसम में वन विभाग द्वारा बनाए गए एक भवन में रहने को मजबूर हैं।
    आवास की लाभार्थी संगीता पत्नी चंद्र प्रकाश ने 18 सितंबर 23 को राजगढ़ थाना अध्यक्ष को लिखित तहरीर देकर ग्राम प्रधान विनोद सिंह के आदमियों द्वारा आवास का पैसा लेने के संबंध में तहरीर दी गई है।
    संबंध में खंड विकास अधिकारी रमाकांत ने ग्राम रोजगार सेवक गुलाब राम की संविदा समाप्ति के लिए उच्चा धिकारियों को लिखित सूचना दे दी गई है। ग्राम प्रधान द्वारा अपनी पत्नी एवं बच्चों के नाम पर लिए गए फर्जी तरीके से मनरेगा मजदूरी के पैसे के संबंध में बताया कि जिला पंचायत राज अधिकारी को लिखित सूचना दी गई है। देखना अब यह होगा कि इस घोटाले में जांच की कार्यवाही होती है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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