राष्ट्रीय पक्षी की हत्या से जुड़े मामले में मुख्यन्यायाधीश ने अधिकारियों को भेजा नोटिस, मांगा जवाब
मामले में वन दरोगा ने चारआरोपियों पर किया है मुकदमा दर्ज
लीपापोती कर आरोपियों को बचाने में जुटे उच्चाधिकारी
राजगढ़,मिर्जापुर। देश की पहचान एवं गौरव प्राप्त राष्ट्रीय पक्षी मोर की जून 2023 में हत्या कर उसका शव घर के बाहर फेंक दिया गया था। जिसकी सूचना मिलते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में वन प्रभाग पटेहरा रेंज के सिरसी वन क्षेत्र अन्तर्गत धुरकर चौकी प्रभारी/ सेक्सन आफिसर लवकुश सिंह अपने सहकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और राष्ट्रीय पक्षी के शव को अपने कब्जे में लेकर बकायदा राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा और नियमानुसार अन्तिम संस्कार कर दिया। इस मामले में जांच पड़ताल करने के बाद 16/06/2023 को चार आरोपियों पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है जिसकी विवेचना क्षेत्रीय प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा किया जा रहा है। हालांकि आरोपियों पर हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के कारण गिरफ्तारी नहीं हो सकी जिसके बाद आरोपियों ने वन दरोगा से खुन्नस निकालने के लिए बिते दिनों रात में गोलबंद होकर उनके वन चौकी पहुंचे और गाली गलौज करते हुए मारपीट कर घायल कर दिया। जिसके बाद वन दरोगा लवकुश सिंह ने राजगढ़ थाने में तहरीर देकर जान माल के सुरक्षा की गुहार लगाई जहां थाना प्रभारी राणा प्रताप यादव ने मामले की जांच कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं कर्मचारी पर हमला करने वाले तीन अभियुक्तों शंभू सोनकर, शंकर उर्फ पखंडू सोनकर पुत्रगण दयाराम सोनकर तथा रिंकू सोनकर पुत्र शंकर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई में जुटे हुए हैं। ज्ञात हो कि आरोपियों के खिलाफ स्थानीय थाने से लगायत मड़िहान थानान्तर्गत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है तथा उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे नहीं ढकेला जा सका जिससे उनके हौसले बुलंद हैं और आए दिन लोगों के साथ गाली गलौज व मारपीट करने पर आमादा हैं जिससे समाज में उनका खौफ बना हुआ है। ऐसे में स्थानीय लोगों ने कानून व्यवस्था से खिलवाड़ कर रहे आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नकेल कसने की मांग किया गया है। आरोपियों के आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए स्थानीय निवासी शिव कुमार सिंह, अंकित सिंह, वगैरह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर राष्ट्रीय पक्षी मोर की हत्या के मामले में वन विभाग के उच्चाधिकारियों को पार्टी बनाया है और आरोपियों पर मेहरबानी दिखाने का कारण स्पष्ट करने की मांग किया गया है। ऐसे में मुख्यन्यायाधीश की ओर से वन विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 26 सितंबर को कोर्ट में जवाब देने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया है।
राजगढ़ से जयप्रकाश मौर्य कि रिपोर्ट
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