जिगना। गंगा नदी में उफान को देखते हुए तटवर्ती गांवों के वाशिंदे हलकान हो रहे हैं। खासतौर पर गंगा की तराई में फसलों की पौध डूबने को लेकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। गंगा के किनारे पर बसे बबुरा से लेकर जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित चेहरा गांव तक गंगा की बाढ़ को देखते हुए किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। धान के अलावा उड़द मूंग अरहर तिल ज्वार बाजरा की पौध डूबने के बाद पर है। यद्यपि अभी भी भिलगौर बीजर कला गांव के सामने गंगा दो धाराओं में बह रही है। बीचोबीच बालू का टीला अभी तक नहीं डूबा है। वहीं दूसरी तरफ बबुरा, तिलई,जोपा, परवा, ऊंचडीह,सुपंथा गांवों में बाढ़ की आहट साफतौर पर देखी जा रही है। बाढ़ का पानी लगातार चढ़ने को लेकर यहां का किसान अपने मवेशियों के साथ अन्यत्र कहीं पलायन के लिए कमर कसने लगा है।
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