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सपा मानसिकता के सरकारी अध्यापक योगी सरकार को कर रहे बदनाम

सपा मानसिकता के सरकारी अध्यापक योगी सरकार को कर रहे बदनाम

संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में नहीं होती पढ़ाई -लिखाई

फल और दूध भी नहीं मिल पाता सभी बच्चों को

संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में वर्षों से जमे-जमाए अध्यापक विद्यालय में करते हैं राजनीती 
ड्रमंडगंज/हलिया (मीरजापुर)। योगी सरकार ने शिक्षा को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए खजाना खोल दिया है। विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समय -समय पर विद्वतजनों की टीम गठित कर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्राथमिक शिक्षा को इंग्लिश मीडियम के बराबरी पर लाने के सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ये सभी जनहित के शिक्षा संबंधी कार्य प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत सपा मानसिकता के अध्यापकों को अच्छी नहीं लग रही है इसलिए वे आयेदिन योगी सरकार को बदनाम करने के लिए शासन की मंशा के विरीत कुछ न कुछ करते ही रहते हैं।
संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में लगभग एक दर्जन अध्यापक नियुक्त हैं किंतु पढ़ाई -लिखाई का स्तर दिनों-दिन गिरता ही चला जा रहा है। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अध्यापक ने बताया कि जानते तो हैं सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई -लिखाई कैसी होती है।अध्यापक केवल अपने वेतन के लिए ही सरकारी विद्यालयों में समय से ड्यूटी करते हैं। बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार हो न हो इससे सरकारी विद्यालयों के अध्यापकों का कोई लेना-देना नहीं है।
संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में बच्चों को न तो समय से पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं और न ही बैग, ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर के लिए समय से उनके अभिभावकों के एकाउंट में शासन द्वारा निर्धारित धन ही भेजा जाता है। सोमवार व बुधवार को फल व दूध भी नियमित संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज के बच्चों को मिल पाता है।जो अभिभावक अपने बच्चों का प्रवेश संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में करवा देते हैं उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय बनाने कोई कोर -कसर संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज के अध्यापक नहीं छोड़ते हैं।देवहट -ड्रमंडगंज के ग्राम प्रधान कौशलेंद्र कुमार भी शिक्षामित्र रहते हुए कभी बच्चों के पढ़ाई -लिखाई पर ध्यान नहीं दिया है इसलिए वे भी संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में व्याप्त अनियमितता के विरुद्ध आवाज उठाने में संकोच करते हैं। प्रबुद्धजनों का ऐसा मानना है कि जब तक संविलियन विद्यालय ड्रमंडगंज में वर्षों से जमे-जमाए अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं होगा तब तक यहां की सरकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो पायेगा।

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