सीपी राधाकृष्णन होंगे एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार,बीजेपी का एलान•
सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के रहने वाले हैं. फिलहाल, वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के तौर पर अपनी सेवायें दे रहे हैं!
सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार घोषित किया है. यह फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया. यह बैठक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी!
सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है! उनका जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ था, सीपी राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक सफर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. उन्होंने 31 जुलाई, 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल का पदभार संभाला था!
भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पहले ही उपराष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर चुका है. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं!!
............... मिर्ज़ापुर छानबे विधानसभा के ग्रामसभा गौरा निवासी जिला महामंत्री युवा मोर्चा भाजपा प्रितेश सिंह जी के भतीजे शहीद रवि सिंह के पुण्यतिथि के अवसर पर पहुंच कर पूर्व अध्यक्ष भाजपा वरिष्ठ नेता मनोज जायसवाल जी ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संघचालक अंगराज सिंह जी,राजा अनिल प्रताप सिंह जी,जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया जी,पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा अनिल सिंह जी,राजपति ओझा जी,पंकज सिंह जी,राजेश नारायण तिवारी जी,सुजीत मोदनवाल जी,मण्डल महामंत्री गैपुरा उमेश सिंह जी,प्रीतम केसरवानी जी,बाबूराम गुप्ता जी,इन्द्र कुमार सिंह जी आदि लोग उपस्थित रहे ================ भास्कर भट्ट की कलम से✍️
................ जय श्री राम सोमवार, 18 अगस्त 2025 के मुख्य समाचार
.................. प क्रोनोलॉजी समझिए— ये कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि अमेरिका और उसके पाले हुए भारतीय दलालों की सुनियोजित साजिश है। ऐसा “षड्यंत्र” पहले भी हो चुका है। अब यह दोहराया नहीं, बल्कि तिहराया जा रहा है.. क्या भारत में “मोदी” की बिदाई तय है..? अमेरिका के खिलाफ जाने की सजा इमरान खान जेल में काट रहा है तो शेख हसीना छुपकर रह रही हैं। अब मोदी जी के खिलाफ क्या चल रहा है..? 2022 में पाकिस्तान में इमरान ख़ान हटे। चुनाव जीतने के बाद "वोटर फ्रॉड" का ढोल पीटा गया। भीड़ को भड़काया गया। और नतीजा—वो सरकार बैठी जो व्हाइट हाउस के इशारे पर नाचती है। पाकिस्तान का लोकतंत्र बर्बाद, अर्थव्यवस्था गिरवी, और देश का भविष्य अमेरिका की मुट्ठी में। 2024 में बांग्लादेश में यही खेल। शेख़ हसीना को हटाया, "वोटर फ्रॉड" का नारा दिया, और अमेरिका के पाले हुए पिट्ठुओं को कुर्सी पर बैठा दिया। परिणाम—देश के फैसले अब ढाका में नहीं, वॉशिंगटन में होते हैं। अब 2025 में भारत की बारी.... पप्पू और उसकी भिखारी मंडली, जो चुनाव दर चुनाव जनता से ठुकराई जाती है, वही "वोटर फ्रॉड" का नया राग गा रही है। इनकी औकात इतनी नहीं कि पंचायत चुनाव जीत लें, लेकिन हिम्मत देखिए—अमेरिका के पैरों में बैठकर दिल्ली की सत्ता पर कब्जा करने का सपना देख रहे हैं। अमेरिका को भारत का मजबूत नेतृत्व पसंद नहीं—क्योंकि मोदी जी और भारत झुकते नहीं, बिकते नहीं। इसलिए उसने अपने एजेंटों को एक्टिव किया—NGO, मीडिया के दलाल, और विपक्ष के भूखे भेड़िये.... इनका टारगेट है भारत में ‘रेजीम चेंज’। मतलब—देश की चुनी हुई, राष्ट्रवादी सरकार को गिराकर, एक कमजोर, कट्टरपंथियों को खुश करने वाली, और विदेशी टुकड़ों पर पलने वाली सरकार बैठाना। अमेरिका का इतिहास गवाह है— जहां भी उसकी कठपुतली सरकारें बैठीं, वहां खून, गरीबी और अराजकता आई। और भारतीय विपक्ष? ये वो गिद्ध हैं जो देश की लाश पर राजनीति करना चाहते हैं। इन्हें सत्ता चाहिए, चाहे इसके लिए भारत की संप्रभुता बेचनी पड़े, चाहे विदेशी एजेंडा लागू करना पड़े। लोकतंत्र का मतलब अमेरिका की दासी बनना नहीं है। लोकतंत्र का मतलब है—अपने लोगों के भरोसे को निभाना, अपने राष्ट्र के लिए जीना, और हर विदेशी दबाव को ठुकराना। अगर पप्पू और उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग की चाल कामयाब हुई, तो भारत का प्रधानमंत्री जनता नहीं चुनेगी, बल्कि व्हाइट हाउस तय करेगा। देशभक्तो, समय आ गया है— इन बिके हुए दलालों और विदेशी आका के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ने का। यह सिर्फ चुनावी जंग नहीं, यह भारत की अस्मिता, सम्मान और अस्तित्व की जंग है। अगर आज नहीं लड़े, तो कल आपकी औलादें गुलामी में पैदा होंगी। लड़ो… और धर्म, राष्ट्र, भारत के साथ खड़े रहो—अमेरिका के इशारे पर नाचने वालों को सत्ता तक न पहुंचने दो। भारत किसी का गुलाम नहीं बनेगा—ये अंतिम चेतावनी है। आने वाले दिनों में भारत में एक बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा होने वाला है यह मेरा आकलन है। इस आंदोलन को विफल करना है... आपका स्टैंड तय करेगा कि... क्या मोदी जी का झोला उठाकर हिमालय जाने का समय आ गया है या हम भारतीय मोदी जी के साथ खड़े होने का सामर्थ्य रखते हैं..? अगर आप इस आने वाली लड़ाई में मोदी जी के साथ खड़े हैं तो कमेंट में बता दीजिए.. -हिंदू युवा वाहिनी।
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