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मिर्जापुर में कई थानाध्यक्ष बदले।

मिर्जापुर में कई थानाध्यक्ष बदले।

..................... एटीएस की प्रभावी पैरवी की वजह से आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादी शहनवाज अहमद तेली व आकिब अहमद मलिक को न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एनआईए व एटीएस) द्वारा 7 वर्ष की सजा और 30 हजार का जुर्माना लगाया गया।

.................... गैर निर्माण के लाखों का धन डकार गए संबंधित अधिकारी ड्रामड गंज विकास खण्ड हलिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत मतवार के सरैहवा मुहल्ले में अवधराज के घर के पास कार्ययोजना बनाकर निर्माण कार्य पूरा होने के पहले ही कार्य का सम्पूर्ण धनराशि का भुगतान कर दिया गया जिससे खंड विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी व जेई की भूमिका सवालों के घेरे में है तीन माह से अधुरी पड़ी पुलिया भ्रष्टाचार की पोल खोल रही है जबकि ग्राम विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर खंड विकास अधिकारी द्वारा तीन माह पहले ही 1.36 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया है। ऐसे में पुलिया निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है इस संबंध में बीडीओ कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं। पुलिया का बगैर कार्य कराए हि सिर्फ कार्ययोजना बनाकर पुलिया निर्माण का 2/9/24 को दो वाउचर लगाकर पुलिया निर्माण की बनी कार्य योजना के 1 लाख 26 हजार रुपये कार्य पूर्ण दिखाकर भुगतान कर दिया गया कार्य पूर्ण होने से पहले ही जेई ने एमबी कर पुलिया निर्माण पूर्ण दिखा दिया,जबकि मौके पर अधूरी पुलिया बनी हुयी है। इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो सभी में हड़कंप मच गया। सभी का कहना है कि योगी सरकार में इस तरह का भ्रष्टाचार कई सवाल खड़े कर रहा है।सभी का कहना है कि पुलिया निर्माण के बाद भुगतान होता तो अलग बात थी, लेकिन विभाग के अवर अभियंता ने उच्चाधिकारियों से मिलकर पूरा रकम ही डकार लिया। इसकी जांच की जाए और संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो। पुलिया निर्माण न होने से आवागमन भी बंद है ग्रामीणों का कहना है कि जब तक पुलिया निर्माण पूरा नहीं होगा, तब तक आवागमन शुरू नहीं हो सकेगा।

.................... मिर्जापुर, मां विंध्यवासिनी के पावन धाम में मिर्जापुर की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित पुस्तक विंध्य शिखर: मिर्जापुर का विमोचन समारोह एवं पुस्तक परिचर्चा मंगलवार की शाम बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित नगर विधायक माननीय पंडित रत्नाकर मिश्र के कर कमलों द्वारा जिले के वरिष्ठ साहित्यकारों एवं संभ्रांत नागरिकों की गरिमामई उपस्थिति में संपन्न हुआ। हिंदी श्री साहित्य संस्थान मिर्जापुर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत चर्चित साहित्यकार आनंद अमित के सरस्वती वंदना एवं मां विंध्यवासिनी की आराधना से हुआ। मिर्जापुर के मूल निवासी एवं गाजियाबाद में निवासरत इस पुस्तक के लेखक डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव शिखर ने मुख्य अतिथि, अध्यक्ष, विशिष्ठ अतिथि एवं अन्य सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मान किया तथा मुख्य अतिथि ने इस पुस्तक के लेखक डॉ मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव को अंग वस्त्रम से सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे साहित्यकार आनंद अमित ने सभी अतिथियों का परिचय, स्वागत एवं पुस्तक के प्रकाशन पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि ने पुस्तक विमोचन कर पुस्तक के विषय एवं संदर्भ पर विस्तृत रूप से अपने विचार व्यक्त किया और बहुत सी बातें उन्होंने उपस्थित श्रोताओं के समक्ष रखी। मुख्य अतिथि ने कहा कि जिस मां विंध्यवासिनी की महिमा का वर्णन देवता लोग भी नहीं कर सकते, उनका वर्णन हम मनुष्य लोग क्या कर पाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार भोलानाथ कुशवाहा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पुस्तक के उपयोगिता पर प्रकाश डाला तथा इसे अपनी खोती जा रही संस्कृति को बचाए रखने के लिए आवश्यक बताया। परिचर्चा के क्रम में डॉ राजेश मिश्रा, तरुण पांडेय, अनिल मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि राजपति ओझा ने साहित्यिक परिचर्चा की। लेखक ने पुस्तक की प्रस्तावना उद्देश्य एवं रूपरेखा पर प्रकाश डाला तथा स्पष्ट किया कि जिस जिले में मां विंध्यवासिनी, मां अष्टभुजा एवं मां काली एक साथ विराजमान हों, उस जिले का वर्णन किसी एक लेखक द्वारा संभव नहीं है, इसके लिए साहित्यकारों एवं विद्वानों की पूरी टीम को वर्षों तक लिखना पड़ सकता है। साहित्यकार आनंद अमित ने अपनी गीतों से सबको आकृष्ट कर आनंद की अनुभूति कराई। उन्होंने बताया कि इस पुस्तक में तहसील, ब्लॉक, ग्राम, नदी, तालाब, झरना, डैम, धार्मिक स्थल, चुनार किला, उद्योग धंधों आदि सहित प्राकृतिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक आदि सांस्कृतिक विरासत का वर्णन संक्षिप्त में किया गया है, जो जाएं एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है। विमोचन समारोह में पंडित सुधाकर मिश्र, पंडित पद्माकर मिश्र, विपिन पांडेय, अंकित दूबे, मनीष रावत, आनंद मिश्रा, मोहित मिश्रा, महेंद्र पांडेय, संदीप आदि संभ्रांत नागरिकों की गरिमामई उपस्थिति रही। इस अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय पंडित रत्नाकर मिश्र ने सभी पधारे हुए अतिथियों को श्रीमद भगवतगीता की पुस्तक अपनी ओर से भेंट स्वरूप प्रदान की।

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