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घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुँचे मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल,एसडीएम युगान्तर त्रिपाठी व तहसीलदार ने बाजारवासियों को क्षतिपूर्ति दिलाने व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई का आश्वासन देते हुए

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुँचे मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल,एसडीएम युगान्तर त्रिपाठी व तहसीलदार ने बाजारवासियों को क्षतिपूर्ति दिलाने व दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त कराया।

................. 15 अक्तूबर/जन्म-दिवस मिसाइल मैन डा. अब्दुल कलाम क्या हम कल्पना कर सकते हैं कि उस युवक के मन पर क्या बीती होगी, जो वायुसेना में विमान चालक बनने की न जाने कितनी सुखद आशाएं लेकर देहरादून गया था; पर परिणामों की सूची में उसका नाम नवें क्रमांक पर था, जबकि चयन केवल आठ का ही होना था। कल्पना करने से पूर्व हिसाब किताब में यह भी जोड़ लें कि मछुआरे परिवार के उस युवक ने नौका चलाकर और समाचारपत्र बांटकर जैसे-तैसे अपनी शिक्षा पूरी की थी। देहरादून आते समय केवल अपनी ही नहीं, तो अपने माता-पिता और बड़े भाई की आकांक्षाओं का मानसिक बोझ भी उस पर था, जिन्होंने अपनी अनेक आवश्यकताएं ताक पर रखकर उसे पढ़ाया था; पर उसके सपने धूल में मिल गये। निराशा के इन क्षणों में वह जा पहुंचा ऋषिकेश, जहां जगतकल्याणी मां गंगा की पवित्रता, पूज्य स्वामी शिवानन्द के सान्निध्य और श्रीमद्भगवद्गीता के सन्देश ने उसेे नये सिरे से कर्मपथ पर अग्रसर किया। उस समय किसे मालूम था कि नियति ने उसके साथ मजाक नहीं किया, अपितु उसके भाग्योदय के द्वार स्वयं अपने हाथों से खोल दिये हैं। 15 अक्तूबर, 1931 को धनुष्कोटि (रामेश्वरम्, तमिलनाडु) मंे जन्मा अबुल पाकिर जैनुल आबदीन अब्दुल कलाम नामक वह युवक भविष्य में ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रख्यात हुआ। उनकी उपलब्धियों को देखकर अनेक विकसित और सम्पन्न देशों ने उन्हें मनचाहे वेतन पर अपने यहां बुलाना चाहा; पर उन्होंने देश में रहकर ही काम करने का व्रत लिया था। चार दशक तक उन्होंने ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ तथा ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ में विभिन्न पदों पर काम किया। यही डा. कलाम 2002 ई. में भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और अपनी सादगी के कारण ‘जनता के राष्ट्रपति’ कहलाये। डा. कलाम की सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद भी आडम्बरों से दूर रहे। वे जहां भी जातेे, वहां छात्रों से अवश्य मिलते थे। वे उन्हें कुछ निरक्षरों को पढ़ाने तथा देशभक्त नागरिक बनने की शपथ दिलाते थे। उनकी आंखों में अपने घर, परिवार, जाति या प्रान्त की नहीं, अपितु सम्पूर्ण देश की उन्नति का सपना पलता था। वे 2020 ई. तक भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की सूची में स्थान दिलाना चाहते थे। साहसी डा. कलाम ने युद्धक विमानों से लेकर खतरनाक पनडुब्बी तक में सैनिकों के साथ यात्रा की। मुसलमान होते हुए भी वे सब धर्मों का आदर करते थे। वे अमृतसर में स्वर्ण मन्दिर गये, तो श्रवण बेलगोला में भगवान बाहुबलि के महामस्तकाभिषेक समारोह में भी शामिल हुए। उनकी आस्था कुरान के साथ गीता पर भी थी तथा वे प्रतिदिन उसका पाठ करते थे। उनके राष्ट्रपति काल में जब भी उनके परिजन दिल्ली आये, तब उनके भोजन, आवास, भ्रमण आदि का व्यय उन्होंने अपनी जेब से किया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में होने वाली ‘इफ्तार पार्टी’ को बंदकर उस पैसे से भोजन सामग्री अनाथालयों में भिजवाई। उनके नेतृत्व में भारत ने पृथ्वी, अग्नि, आकाश जैसे प्रक्षेपास्त्रों का सफल परीक्षण किया, जिससे सेना की मारक क्षमता बढ़ी। भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देश बनाने का श्रेय भी डा. कलाम को ही है। शासन ने उन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। आजीवन अविवाहित रहे डा. कलाम अत्यधिक परिश्रमी और अनुशासन प्रेमी थे। वे कुछ वर्ष रक्षामंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी रहे। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद भी वे विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों से बात करते रहते थे। वे चाहते थे कि लोग उन्हें एक अध्यापक के रूप में याद रखें। 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में छात्रों के बीच बोलते समय अचानक हुए भीषण हृदयाघात से उनका निधन हुआ। 30 जुलाई को उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामेश्वर में ही दफनाया गया। उन्नत भारत के स्वप्नद्रष्टा, ऋषि वैज्ञानिक डा. कलाम द्वारा लिखित पुस्तकें युवकों को सदा प्रेरणा देती रहेंगी।

................. स्पीकर का तार नोचने वाले नखास कोहना चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर, निलम्बित मंत्री नन्दी के आदेश पर पुलिस कमिश्नर ने की कार्रवाई दशहरा मेले के दौरान गुड़ मंडी और ऊंचा मंडी में लगे लाउड स्पीकर का तार नोचना और जनता से अभद्र व्यवहार करना पड़ा महंगा विजयादशमी के दिन रामदल निकलने के दौरान रविवार की भोर में ऊंचा मंडी और गुड़ मंडी में लगे स्पीकर के तार को नोच कर फेंकना और आम जनता को गाली देते हुए अभद्र व्यवहार करना नखास कोहना चौकी इंचार्ज को महंगा पड़ गया। व्यापारियों एवं आम जनता की शिकायत पर मंत्री नन्दी ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया। जिसके आधार पर रविवार को नखास कोहना चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर किया गया। वहीं सोमवार को दरोगा अभिलाष कुमार को निलम्बित कर दिया गया। 12 अक्टूबर को जब पूरे देश में दशहरा का पर्व मनाया जा रहा था। पुतला दहन हो रहा था, उसी समय प्रयागराज में ऐतिहासिक रामदल निकल रहा था। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने पूरी रात्रि मेले का भ्रमण किया। पुराने शहर में जगह-जगह लाउड स्पीकर लगे हुए थे। भोर में करीब चार बजे शाहगंज थाना क्षेत्र के नखासकोहना चौकी प्रभारी अभिलाष कुमार गुड़ मंडी और ऊंचा मंडी में पहुंचे और उन्होंने यहां बज रहे लाउड स्पीकर के तार तोड़ दिए। मशीन फेंक दिए और गाना न बजाने के आदेश दिए। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने पुलिस के इस दुर्व्यवहार का विरोध किया तो चौकी इंचार्ज ने लोगों के साथ गाली-गलौज की। जनता के साथ साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसका लोगों ने विरोध किया। चौकी के बाहर प्रदर्शन भी किया। इस बीच व्यापारियों ने घटना की जानकारी मेले में भ्रमण कर रहे औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी को दी। मंत्री नन्दी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए तत्काल पुलिस कमिश्नर से बात की। कहा कि इस तरह की हरकत और अभद्र व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भावनाओं को आहत करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिसे गम्भीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर ने 13 अक्टूबर यानी रविवार को चौकी प्रभारी नखास कोहना अभिलाष कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं सोमवार को दरोगा के निलम्बन का आदेश जारी किया गया।

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