हिजबुल्लाह के चीफ नसरुल्लाह के मौत पर भारत में मातम क्यों ्््््््््््््््््््््््््
लोकतांत्रिक भारत में सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है क्यों है इसलिए क्योंकि यहां बहुमत में सनातनी है जिस दिन अल्पमत में होंगे जैसा कि सपा नेता महबूब कह रहा है उस दिन के हालात कुछ और होंगे सोने वाले समुदायों का यही हश्र होता है फिलहाल ्््््््््््््
नसरुल्लाह लेबनान में मरा वह कोई संत महात्मा नहीं था एक आतंकवादी था उसका आतंक वादी संगठन है जिसका नाम है हिजबुल्ला जिसने मजहब के नाम पर एक ईसाई देश को जिहादी देश बना दिया उसी कारण से इस समय दक्षिणी लेबनान में गोले बरस रहे हैं आगे भी बहुत कुछ होगा बहुत ही विनाश होगा और यह युद्ध रुकने वाला भी नहीं है समस्या लेबनान और इजरायल की है युद्ध वहां हो रहा है तो मातम भारत में क्यों मनाया जा रहा है
कश्मीर से हिंदू निकाले गए कोई घर से बाहर नहीं निकला कोई जुलूस कोई समर्थन नहीं मिला ताजा तरीन बांग्लादेश का कारनामा हिंदुओं को मारा पीटा गया घर से उजाड़ा गया अनगिनत बलात्कार हुए फिर भी कहीं कोई इंसानियत नहीं कोई पीड़ा नहीं कोई मातम नहीं कोई जुलूस नहीं यह कौन सा फार्मूला है उस पर तर्क दिया गया कि यह बांग्लादेश का मामला है
तो फिर नसरुल्ला की मौत पर मातम क्यों क्या इस दुनिया में मुसलमान ही इंसान है गैर मुस्लिम क्या है भारत इस समय जानना चाहता है
इस देश में बहुत सारे सेकुलर गैंग टुकड़े-टुकड़े गैंग मैकाले मानस पुत्रों की लंबी चौड़ी जमाते हैं जिन्होंने 60 वर्षों तक भारतीय संस्कृति भारतीय सभ्यता भारतीय परंपरा का उपहास अपमान और भारतीयों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रखा जिससे पूरी पीढ़ी मानसिक हीनता रोग से ग्रस्त हो गई है
भारत को देश के अंदर अनचाहा युद्ध लड़ना होगा इसके लिए देश को तैयार होने की जरूरत है
2023 © DL NEWS. All Rights Reserved.