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बड़ी खबर  15 साल की सत्ता ......          45 मिनट में छोड़ना पड़ा मुल्क......

बड़ी खबर 

15 साल की सत्ता ......
         45 मिनट में छोड़ना पड़ा मुल्क......

 बांग्लादेश में बगावत से लेकर शेख हसीना के निकलने की पूरी कहानी....

बांग्लादेश में भीड़ बगावत के बाद सड़कों पर है. जिसने दोपहर में पीएम आवास में घुसकर खूब लूटपाट की. उसके बाद अवामी लीग के कई सांसदों के घर, दफ्तर और मंत्रियों के घर पर भी हमला हुआ और आगजनी की गई है. बांग्लादेश में चार हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है. पूरी दुनिया की नजर इस वक्त बांग्लादेश पर है. साथ ही भारत पर भी क्योंकि शेख हसीना अभी भारत में ही हैं.

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का पद छोड़कर शेख हसीना को आज अपना देश भी छोड़ना पड़ा है, जो फिलहाल इस वक्त भारत में हैं. गाजियबाद के हिंडन एयरबेस पर शेख हसीना का विमान आकर रुका है. इस बीच भारत में पीएम आवास पर आज डेढ़ घंटे तक करीब सीसीएस की बैठक हुई है. जहां विदेश मंत्री और एनएसए ने प्रधानमंत्री को बांग्लादेश के हर हालात पर जानकारी दी है. अब हिंडन एयरबेस से शेख हसीना का विमान कहां जाएगा, ये अभी साफ नहीं है. 

उधर बांग्लादेश में भीड़ बगावत के बाद सड़कों पर है. जिसने दोपहर में पीएम आवास में घुसकर खूब लूटपाट  की. उसके बाद अवामी लीग के कई सांसदों के घर, दफ्तर और मंत्रियों के घर पर भी हमला हुआ और आगजनी की गई है. बांग्लादेश में चार हिंदू मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है. पूरी दुनिया की नजर इस वक्त बांग्लादेश पर है. साथ ही भारत पर भी क्योंकि शेख हसीना अभी भारत में ही हैं. 

जनता ने तोड़ी मुजीबुर्रहमान की मूर्ति.....
 
शेख मुजीबुर्रहमान, 1971 में जिन्होंने बांग्लादेश को आजादी की सांस दिलाई, बांग्लादेश के लोगों ने जिन्हें राष्ट्रपिता की पदवी दी, 5 दशक के भीतर वो मोहब्बत इतनी नफरत में बदल जाती है कि ढाका में बांग्लादेश के लोग ही मुजीबुर्रहमान की मूर्ति पर चढ़कर उसे हथौड़े से तोड़ने लगते हैं. सवाल यह है कि क्या बंग बंधु कहे गए बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर्रहमान की मूर्ति को खंड-खंड करने की वजह उन्हीं की बेटी शेख हसीना हैं, जिन्हें बांग्लादेश में लोकतंत्र की 'लौह महिला' कहा गया?

सोमवार दोपहर 2:30 बजे ढाका में प्रधानमंत्री आवास से ही सेना के हेलिकॉप्टर में बैठकर शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ना पड़ता है. प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के साथ देश छोड़ती शेख हसीना ने ऐसा क्या किया कि जिस बांगलादेश को बनाने में एक लड़ाई शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान ने लड़ी, उसी देश में उनकी बेटी के सत्ता में रहते लिए गए कुछ फैसलों से तानाशाही की बू आने पर जनता बागी हो गई. जनता ने कॉक्स बाजार की सरकारी इमारत की दीवार पर उकेरी गई मुजीबुर्रहमान की तस्वीर को जेसीबी की मदद से खोखला करके गुस्सा जताया.

तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करती जनता......

शेख हसीना ने आखिर ऐसा क्या किया कि 15 साल की प्रधानमंत्री को 45 मिनट में देश छोड़ना पड़ा? शेख हसीना के जिन पिता की वजह से पूर्वी पाकिस्तान के तौर पर नक्शे पर आए पाकिस्तान के एक छोर को बांग्लादेश के तौर पर अपनी पहचान मिली, ढाका में एयरपोर्ट के बाहर मुजीबुर्रहमान की याद में बने स्मारक तक को सैकड़ों की भीड़ ने जेसीबी और बुलडोजर से तोड़ दिया.

बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मुजीबुर्रहमान के खिलाफ गुस्सा जताती ये तस्वीरें गवाही देती हैं कि भले आप 15 साल से चुनाव जीत रहे हों लेकिन जनता तानाशाही पसंद नहीं करती. ये तस्वीरें इस बात की गवाही हैं कि भले आप देश में अर्थव्यवस्था मजबूत कर लें लेकिन मनमानी से दमन का शासन जनता बर्दाश्त नहीं करती. शेख हसीना की तानाशाही ने बांग्लादेश को ऐसे देश में बदल दिया है जहां बांग्लादेश के सैनिक ही प्रधानमंत्री के देश छोड़कर भागने पर जश्न मनाते नजर आते हैं, जहां बांग्लादेश के सुरक्षा बल ही शेख हसीना के ढाका से जाने के कुछ ही देर में उनकी तस्वीर को हटाकर बता देते हैं कि फिलहाल सत्ता अब सेना ही संभालने जा रही है.

क्या सत्ता अब सेना के हवाले?

शेख हसीना के देश छोड़ने का लाइव कवरेज देखते हुए जवानों ने शेख हसीना की तस्वीर को सेंटर से हटाना शुरू कर दिया और बताना शुरू कर दिया कि बांग्लादेश में एक हसीना थी.....

 बांग्लादेश में मुख्य विपक्षी पार्टी की मुखिया खालिदा जिया ने भी लोगों से अपील की है कि शांति रखें. सेना भी लोगों को शांत रहने को कह रही है. इस बीच आज शाम को ही बांग्लादेश में भीड़ ने कोमिला से अवामी लीग के सांसद बहाउद्दीन बहार के घर पर तोड़फोड़ की और आग लगा दी. बहाउद्दीन बहार के अलावा कई और सांसदों के घरों को भी निशाना बनाया गया है. 

पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना है. लेकिन दोनों ही देशों की किस्मत कई बार एक जैसी रही. जैसे सेना के हाथ में सत्ता की डोर चले जाना और नेताओं का कठपुतली बन जाना. लेकिन शेख हसीना ने सैन्य शासित बांग्लादेश को स्थिरिता दी थी. सेना की कठपुतली शेख हसीना नहीं बनीं लेकिन दुनिया की सबसे लंबे समय तक सत्ता लगातार हासिल करने वाली प्रमुख महिला शासकों में से एक शेख हसीना की निरंकुश नेता की छवि ने क्या फिलहाल आज बांग्लादेश में फिर सेना के हवाले सत्ता कर दी है?

क्या आरक्षण को लेकर एक फैसला पड़ा भारी?
 
18 दिन पहले ढाका में छात्रों के आंदोलन को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी की छत पर सुरक्षा बलों को उतारने के लिए पहुंचाए गए हेलिकॉप्टर और पीएम पद छोड़कर देश छोड़ती शेख हसीना के उड़ते हेलिकॉप्टर के बीच ही बांग्लादेश की मौजूदा समस्या की जड़ है. 18 जुलाई को बांग्लादेश में यूनिवर्सिटी के भीतर हेलिकॉप्टर से सुरक्षाबलों को उतारा गया ताकि जो छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें रोका जाए.

वो प्रदर्शन जिसे रोकने के लिए बांग्लादेश में पुलिस ने पहले गोलियां तक चलाई हैं. जहां रबर बुलेट चलाने के साथ ही प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसे फैसले लिए गए हैं जिसमें सैकड़ों लोगों की जान गई. क्या आरक्षण के एक फैसले ने बांग्लादेश में तख्तापलट करा दिया? क्या सिर्फ आरक्षण ही शेख हसीना के देश छोड़ने की वजह बना? क्या आरक्षण के खिलाफ आंदोलन ने बांग्लादेश को अस्थिर कर दिया? 

बांग्लादेश में दिखीं अफगानिस्तान जैसी तस्वीरें

जहां 2009 से सत्ता शेख हसीना के पास रही, जहां वह अभी से 2029 में भी छठी बार फिर से सत्ता में आने का दावा करने लगी थीं, वहां फिलहाल अब सेना के पास कमान है, जो आगे अंतरिम सरकार बनाने में भूमिका निभाने की बात कह रही है. तो क्या अब पाकिस्तान से अलग हुआ देश, पाकिस्तान की ही राह पर जाने लगा है? क्या बगावत कांड का ये अंजाम हुआ है कि बांग्लादेश पाकिस्तान बनने लगा है? 

इन दो सवालों की वजह समझिए. शेख हसीना देश छोड़ चुकी हैं. सेना के पास फिलहाल देश की कमान है, जो आगे अंतरिम सरकार सबके साथ बनाने की बात तो कहती है लेकिन इस बीच पीएम आवास से लेकर बांग्लादेश की सड़कों तक पर लूटपाट, गुंडागर्दी, आगजनी हो रही है.

याद करिए अफगानिस्तान में तालिबानी घुसे तो क्या हुआ था... याद करिए जब इमरान खान की गिरफ्तारी हुई तो विद्रोह करने वाली जनता ने पाकिस्तान में क्या किया था... अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुसकर तालिबानी लूटपाट कर रहे थे और पाकिस्तान में सैन्य अधिकारियों के घर में घुसकर इमरान समर्थक उत्पात मचा रहे थे. अब उसी राह पर आज बांग्लादेश भी दिख रहा है. प्रधानमंत्री आवास छोड़कर शेख हसीना तो भाग आईं लेकिन जनता ने पीएम आवास में घुसकर अपना गुस्सा उतारा.

प्रधानमंत्री हाउस के बिस्तर पर लेटे प्रदर्शनकारी

पीएम आवास जिसे बांग्लादेश में गण भवन कहा जाता है. वहां लोगों को घुसने से रोकने वाला कोई नहीं दिख रहा है. पीएम आवास के भीतर लोग जमकर तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं. वीडियो में एक ऐसा शख्स दिख रहा है जो ढाका में पीएम आवास के भीतर बेड पर लेटकर ही खुश है. ये वीडियो इस बात की तस्दीक करता है कि बांग्लादेश में जनता भरी बैठी थी और अब उसके भीतर का गुस्सा निकल रहा है.

उसे लगता है कि जो सत्ता में बैठे हैं, वो निरंकुश होने के साथ ही जनता की गाढ़ी कमाई को लूट लेते हैं. इसीलिए जब तानाशाही से त्रस्त जनता को मौका मिलता है तो वो भी ईमान की बात भूल जाती है. पाकिस्तान अफगानिस्तान की तरह बांग्लादेश की हालत दिखती है. पीएम आवास में कुछ जवान जनता को रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन कोशिश भी ना के बराबर. 

जनता ने लूटकर निकाला अपना गुस्सा......

जनता को लगता है कि जो बड़े महलनुमा आवास में रहते हैं, उन्होंने अपने निरंकुश शासन से ही सब सुख पाया है इसलिए दुखी रहती जनता उस सूख को छीन लेने में जुटी हैं. ढाका के पीएम आवास से जिसको जो मिल रहा है वो लेकर बाहर चला आ रहा है. लाने में दिक्कत होने लगी तो लोगों ने बाहर रिक्शा ही कर लिया. रिक्शे पर ही सब कुछ लाद लिया. कोई पीएम आवास से फ्रीज लादकर चला गया, कोई कुर्सियां ही लेकर चलता बना. कोई शेख हसीना के पीएम आवास से एलईडी लेकर आया, कोई चूल्हा उठाकर लाया तो किसी ने सजावट का गुलदस्ता तक नहीं छोड़ा.

ये वो जनता है जिसने शेख हसीना के खिलाफ बगावत की है, जिसे लगता है कि पीएम आवास में घुसकर लाया गया ये सामान उस सत्ताधारी को हराने का मेडल या ट्रॉफी है, जिसने सत्ता मिलने पर मान लिया कि अब वो जो चाहेगा वही करेगा. निरंकुशता को हटाने के बाद बांग्लादेश में पैदा हुए यही हालात अस्थिर राष्ट्र का अंदेशा पैदा कर चुके हैं, जिसका नुकसान बहुत बड़ा है. आज तक

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