शाहबाज और जरदारी ने संभाला पाकिस्तान की कमान ््््
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अनगिनत नाटक के बाद आखिरकार शाहबाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी ने अपना अपना कार्यभार संभाला इन दोनों पुराने मुर्गो को आर्मी ने नए कलेवर में पेश किया
फिलहाल पाकिस्तान का यही इतिहास है अभी तक ऐसा ही होता रहा है आर्मी मुर्गों को ढूंढ कर लाती है सत्ता में बैठाती है पाकिस्तानी जनता उनकी लानत माननत करती है गालियां देती है और जब मामला बिगड़ने लगता है तो फिर किसी पुराने मुर्गे को या नए मुर्गों को ढूंढ कर लाती है और उन्हें सत्ता में बैठाती है यही पाकिस्तान का इतिहास है
फिलहाल आते ही शहबाज शरीफ ने शराफत दिखाते हुए कश्मीर का राग अलापा यानी पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है वह अपने पुराने स्टैंड पर कायम है इसका मतलब है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते ठंडा बस्ते में पड़े रहेंगे जब भी मौका मिलेगा पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा
सबसे महत्वपूर्ण बात जब किसी देश के अंदर अशांति हो तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए बॉर्डर पर पाकिस्तान शरारत कर सकता है इसके लिए भारत को सावधान रहना पड़ेगा दूसरी महत्वपूर्ण बात जिस माइंडसेट में पाकिस्तानी जनता है उसके लिए पाकिस्तानी हुक्मरानो के लिए जनता को बेवकूफ बनाना आसान है रोटी के लिए परेशान पब्लिक को मजहब का चूर्ण सबसे आसान रास्ता है इस्लाम के नाम पर मुसलमान के नाम पर पब्लिक को भड़काना सबसे आसान है इसलिए पाकिस्तानी हुक्मरान कोई भी हरकत कर सकते हैं जिसमें छोटा-मोटा युद्ध या कोई छोटी-मोटी शरारत कुछ भी हो सकता है इसलिए भारत सरकार को अत्यधिक सावधान रहने की आवश्यकता है
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