मिथ्या विकृत इतिहास लेखन के दुष्परिणाम ्््््््््््््
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कोई व्यक्ति हो समाज हो समूह हो या समुदाय अथवा राष्ट्र सभी को अपने अतीत के प्रति लगाव होता है इतिहास यह ज्ञात कराता है कि हमारा अतीत कैसा था और कैसा होना चाहिए कैसा है इतिहास का अध्ययन अति आवश्यक है अतीत से हम सीखते हैं कि हमारा वर्तमान कैसा हो जिस पर भविष्य का कैनवस खींचा जा सके लेकिन दुर्भाग्य से भारत को ऐसे इतिहासकार मिले जिन्होंने मिथ्या लेखन विकृत लेखन से देश की सभ्यता संस्कृति को विकृत कर दिया जिसका भुगतान राष्ट्र कर रहा है
जिसमें हजारों वर्षों से प्रत्येक नागरिक श्री राम से दिन की शुरुआत करता था और जीवन के प्रत्येक सामाजिक जीवन के क्षेत्र में श्री राम से ही शुरुआत होती थी उसी से शाम लेकिन इतिहासकारों उसे काल्पनिक बता दिया भगवत गीता रामायण काल्पनिक हो गए योगेश्वर कृष्ण आदि अनादि प्रभु भोलेनाथ काल्पनिक हो गए रामसेतु झूठ हो गया वामपंथियों ने पूरे देश का इतिहास और भूगोल ही बदलने की षड्यंत्र रचा गया लेकिन सत्य और झूठ में जब भी संघर्ष होता है तो अंततः सत्य की ही जीत होती है लेकिन इसका दुष्परिणाम राष्ट्र को भुगतना पड़ता है
इस्लामी आक्रमणकारी जो दुर्दांत हिंसक मजहब के नाम पर गले काटने वाले लुटेरे भाई का गला काटने वाले मुगल औरंगज़ेब बाप को जेल में डालने वाला मुगल शासक औरंगज़ेब गाजी हो गया और धर्मात्मा हो गया इतिहास में कहीं भी भारतीय नायको महाराणा प्रताप शिवाजी राव भोसले पृथ्वीराज महारानी दुर्गावती महारानी लक्ष्मीबाई जैसे अनगिनत महानायकों का कहीं भी इतिहास में कोई जगह नहीं है जहां तक हो सका भारतीय संस्कृति भारतीय सभ्यता भारतीयता का अपमान उपहास और हिन साबित करने की कुचेष्टा की गई
जब शिक्षा व्यवस्था दूषित होती है तो इसका दुष्परिणाम पूरे समाज को भुगतना होता है स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय शिक्षा व्यवस्था को विकृत करने का प्रयास किया गया झूठ को उसमें मिक्स किया गया जिसमें लगभग कई दशक लगे और एक पीढ़ी उस शिक्षा को प्राप्त कर गुजर गई दूसरी पीढ़ी कुंठित हीन भावना से ग्रस्त अवसाद ग्रस्त मनोरोगी हो गई दिशा भ्रम का शिकार हो गया ऐसी पीढ़ी तैयार हुई जिसका नाम सीताराम तो है लेकिन उसका मानना है श्री राम काल्पनिक है उनके जन्म का सर्टिफिकेट मांगा जाता है ऐसी अनगिनत विकृतियों का शिकार भारतीय भारतीयता धर्म संस्कृति सभ्यता को बनाया गया
चूंकि यह कर्म क्षेत्र है कर्मों का फल भुगतना भी पड़ता है अच्छा बुरा जो भी कर्म हो उसका भुगतान करना ही पड़ता है लेकिन शिक्षा जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है मानव को मानव बनाता है जिससे समाज और राष्ट्र वैभवशाली शक्तिशाली राष्ट्र का निर्माण होता है इसलिए शिक्षा को विकृत करने का षड्यंत्र निश्चित रूप से अक्षम्य अपराध है
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