मीरजापुर में थाना जिगना पुलिस पर गंभीर आरोप: प्रार्थिनी ने लगाई प्रथम सूचना रिपोर्ट में हेरफेर की शिकायत
मीरजापुर,
मीरजापुर के थाना जिगना में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने में कथित अनियमितताओं और पुलिस की साजिश का गंभीर आरोप लगाते हुए सोनम विश्वकर्मा, निवासी ग्राम नरोईया, थाना जिगना, ने पुलिस अधीक्षक, मीरजापुर को एक प्रत्यावेदन सौंपा है। प्रार्थिनी ने आरोप लगाया कि थाना जिगना पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से न लेते हुए सत्य को दबाने और फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। प्रत्यावेदन का विवरण
सोनम विश्वकर्मा ने अपने प्रत्यावेदन में बताया कि जून 2025 को उन्होंने पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर पुलिस अधीक्षक ने थाना जिगना के प्रभारी को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का निर्देश दिया। प्रार्थिनी उसी दिन अपनी माता के साथ दोपहर 3 बजे थाने पहुंची, लेकिन प्रभारी की अनुपस्थिति और बाद में उप-निरीक्षक द्वारा टालमटोल के कारण रात 10 बजे तक उन्हें एफआईआर की प्रति नहीं दी गई। उन्हें डांटकर थाने से चले जाने को कहा गया।
जून 2025 को प्रार्थिनी के पिता, जो पुणे में मजदूरी करते हैं, घटना की सूचना पर मीरजापुर पहुंचे और एफआईआर की प्रति लेने थाने गए। प्रार्थिनी का आरोप है कि वरिष्ठ उप-निरीक्षक आत्मा यादव ने उनके द्वारा पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र को नजरअंदाज कर एक अज्ञात व्यक्ति से जबरन प्रार्थना पत्र लिखवाया और प्रार्थिनी के प-lhe: पिता से हस्ताक्षर करवाकर मुकदमा संख्या 192/2025, धारा 137(2), 87, 352, 351(2) बीएनएस के तहत दर्ज किया। इस एफआईआर में यह उल्लेख किया गया कि प्रार्थिनी की पुत्री को खोजा गया पर नहीं मिली, जबकि प्रार्थिनी स्वयं थाने पर मौजूद थी। प्रार्थिनी ने इस बात का सबूत थाने के सीसीटीवी फुटेज में होने का दावा किया है।
पुलिस पर साजिश का आरोप
प्रार्थिनी ने वरिष्ठ उप-निरीक्षक आत्मा यादव, हेड कॉन्स्टेबल नवीन कुमार यादव, और हेड कॉन्स्टेबल धीरेंद्र कुमार पर विपक्षी के साथ साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुलिस ने सत्य को दबाने के लिए गलत एफआईआर दर्ज की और उनके परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। प्रार्थिनी ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी चिकित्सकीय जांच, पुलिस बयान, और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान जैसी विधिक प्रक्रियाएं पूरी नहीं की गईं।
प्रार्थिनी की मांग
सोनम विश्वकर्मा ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि उनके जून 2025 के मूल प्रार्थना पत्र को अपराध संख्या 192/2025 में शामिल कर तत्काल चिकित्सकीय जांच, पुलिस बयान, और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किया जाए। साथ ही, उन्होंने संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके।
................ मिर्ज़ापुर न्यूज़ एजेंसी मिर्जापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने भारी संख्या में सब इंस्पेक्टरों का किया तबादला. कई चौकी प्रभारी बदले गए. राजकुमार पांडेय चौकी प्रभारी विंध्यधाम सुरक्षा का भी किया गया तबादला. राजकुमार पांडेय बनाए गए चौकी प्रभारी बरौधा.वही अष्टभुजा चौकी प्रभारी रहे मोती सिंह यादव को पुलिस लाइन भेजा गया, इनके जगह बरौंधा चौकी प्रभारी रहे कृष्णकांत त्रिपाठी को बनाया गया अष्टभुजा चौकी प्रभारी मनीष रावत की रिपोर्ट
........................ मुख्यमंत्री ने आगामी जुलाई माह में आयोजित होने जा रहे वन महोत्सव एवं नदियों के पुनरुद्धार कार्यों की समीक्षा की वृक्षारोपण महाभियान-2025 के ‘लोगो’ का अनावरण किया मुख्यमंत्री ने वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान करने की घोषणा की वृक्षारोपण महाभियान-2025 को प्रदेशव्यापी जनान्दोलन का रूप दिया जाए : मुख्यमंत्री ‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम पर आधारित इस वृक्षारोपण महाअभियान में हमारा सामूहिक प्रयास प्रदेश को ‘हीटवेव से ग्रीनवेव’ की ओर ले जा रहा वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश में 204.92 करोड़ से अधिक पौधे रोपे गए वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के दौरान उ0प्र0 के हरित आवरण में तीन लाख एकड़ की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई इस बार वन महोत्सव में कुल 35 करोड़ पौधे रोपे जाने हैं, जो उ0प्र0 की कुल आबादी से भी अधिक होंगे प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत लाभान्वित सभी विद्यालयों में वृहद स्तर पर पौधरोपण कराया जाए, सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में सहजन सहित छायादार वृक्षों का रोपण आवश्यक रूप से किया जाए नदियों के दोनों तटों पर वृक्षारोपण कराया जाए लोगों में वृक्षारोपण के प्रति उत्साह और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए नुक्कड़ नाटकों, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, प्रभात फेरियों, फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे सर्विस लेन और मुख्य मार्गों के बीच आकर्षक हरित पट्टी तैयार हो सके प्रत्येक ग्राम सचिवालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा सार्वजनिक संस्थानों को पौधरोपण लक्ष्य से जोड़ा जाए रोपे गए पौधों की जियो टैगिंग कराते हुए उनकी फेंसिंग की समुचित व्यवस्था की जाए लखनऊ : 28 जून, 2025 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में आगामी जुलाई माह में आयोजित होने जा रहे वन महोत्सव एवं नदियों के पुनरुद्धार कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण महाभियान-2025 के ‘लोगो’ का अनावरण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान को प्रदेशव्यापी जनान्दोलन का रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस बार हम एक दिन में प्रदेश की कुल जनसंख्या से भी अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम पर आधारित इस वृक्षारोपण महाअभियान में हमारा सामूहिक प्रयास प्रदेश को ‘हीटवेव से ग्रीनवेव’ की ओर ले जा रहा है। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश में 204.92 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं और भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश के हरित आवरण में ऐतिहासिक रूप से तीन लाख एकड़ की वृद्धि दर्ज की गई है, जो व्यापक जनसहभागिता से ही सम्भव हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने इस वर्ष वन महोत्सव में एक अभिनव पहल की घोषणा करते हुए कहा कि वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान किया जाए। साथ ही, शिशु के अभिभावकों को एक पौधा भी भेंट किया जाए। यह प्रयास पर्यावरणीय चेतना को व्यक्तिगत जीवन से जोड़ने का अभिनव प्रयोग होगा, जिसमें पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी उसी भावना से निभायी जाएगी, जैसी किसी नवजात की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस पहल को अभियान का भावनात्मक आधार बनाया जाए और इसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचायी जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बार वन महोत्सव में कुल 35 करोड़ पौधे रोपे जाने हैं, जो उत्तर प्रदेश की कुल आबादी से भी अधिक होंगे। उन्होंने इसे एक बड़ा पर्यावरणीय आयोजन बताते हुए कहा कि इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी जाए और ’पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जाए। कार्ययोजना के सम्बन्ध में अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बार वन विभाग द्वारा 12 करोड़ 60 लाख पौधे तथा अन्य विभागों द्वारा 22 करोड़ 40 लाख पौधे लगाए जाएंगे। विभागवार लक्ष्यों का निर्धारण किया जा चुका है और ग्रामीण व शहरी माइक्रोप्लान पर कार्य प्रगति पर है। समन्वय हेतु सभी विभागों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है। पौधों की आपूर्ति हेतु 1,901 वन विभागीय पौधशालाओं, 146 उद्यान विभाग की पौधशालाओं, 55 रेशम विभाग की पौधशालाओं तथा 484 निजी पौधशालाओं में कुल 52 करोड़ 43 लाख पौधों की नर्सरी तैयार की गई है, जिनमें औद्योगिक, इमारती, फलदार, चारा एवं शोभाकार जैसी विविध प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री जी ने इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभागवार कार्ययोजना को अत्यन्त गम्भीरता से लागू करने के निर्देश दिए। प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत लाभान्वित सभी विद्यालयों में वृहद स्तर पर पौधरोपण कराया जाए। इसी प्रकार, सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में सहजन सहित छायादार वृक्षों का रोपण आवश्यक रूप से किया जाए, ताकि इन संस्थानों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भविष्य में इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों और परिसरों में सघन पौधरोपण कराया जाए, जिससे औद्योगिक वातावरण अधिक हरित और स्वस्थ बन सके। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में नीम, पाकड़, पीपल जैसे वृक्षों का रोपण प्राथमिकता से किया जाए, जो गोवंश के लिए अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री जी ने इस वर्ष वन महोत्सव के अन्तर्गत नदियों के पुनर्जीवन को भी केन्द्र में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में किए गए संरक्षण प्रयासों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिन्हें आगे बढ़ाना जरूरी है। इस बार वन महोत्सव के अन्तर्गत नदियों के दोनों तटों पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे जल गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों को लाभ मिले। साथ ही, आवश्यकतानुसार नदियों का चैनलाइजेशन भी किया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के कैचमेण्ट क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी तालाबों के किनारों पर भी पौधरोपण सुनिश्चित हो और इन जल स्रोतों के संरक्षण व पुनर्जीवन का कार्य भी समानान्तर रूप से किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इस अभियान को जनसहभागिता से जोड़ना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों में वृक्षारोपण के प्रति उत्साह और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए नुक्कड़ नाटकों, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, प्रभात फेरियों, फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर फलदार वृक्षों जैसे आम, जामुन, इमली आदि का रोपण किया जाना चाहिए ताकि हरियाली के साथ-साथ पौष्टिकता भी बढ़े। मुख्यमंत्री जी ने एक्सप्रेस-वे किनारे वृक्षारोपण के निर्देश देते हुए कहा कि गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे सर्विस लेन और मुख्य मार्गों के बीच आकर्षक हरित पट्टी तैयार हो सके। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों से कम से कम एक पौधा अवश्य लगवाने के लिए समन्वय की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम सचिवालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा सार्वजनिक संस्थानों को भी पौधरोपण लक्ष्य से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जितना महत्वपूर्ण पौधारोपण है, उतनी ही गम्भीरता से पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने प्रत्येक रोपे गए पौधों की जियो टैगिंग करायी जाए और उनकी फेंसिंग की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जनता को पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी देखभाल और संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया जाए, ताकि लगाए गए पौधे वृक्ष बन सकें। उन्होंने इस अभियान को प्रदेश के हर व्यक्ति, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और कर्मचारी की सहभागिता से सफल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अभियान केवल सरकार का कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों के बेहतर भविष्य की बुनियाद है। जब हर घर एक पौधा लगाएगा और हर नागरिक उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, तब उत्तर प्रदेश न केवल देश का सबसे जनसंख्या सम्पन्न राज्य रहेगा, बल्कि सबसे हरित और पर्यावरण सजग प्रदेश भी बनकर सामने आएगा।
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