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बाबा साहब का चेहरा काटकर अखिलेश का चेहरा लगाने पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा ने किया प्रदर्शन

बाबा साहब का चेहरा काटकर अखिलेश का चेहरा लगाने पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा ने किया प्रदर्शन

मिर्जापुर। घुरुहुपट्टी, स्थित डॉ० भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा स्थल (अंबेडकर पार्क) पर, अनुसूचित मोर्चा भाजपा जिलाध्यक्ष  राजेश कुमार के नेतृत्व में, समाजवादी पार्टी द्वारा कृत डॉ० भीमराव अंबेडकर जी के चित्र के अपमान के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया । धरना पर बैठे भाजपा जिलाध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर जी का अपमान करती रही है और दलित उत्पीड़न का भी सपा का पुराना इतिहास रहा है । समाजवादी पार्टी ने बाबा साहब डॉ0 भीमराव आम्बेडकर जी के चित्र से आधा चेहरा काटकर आधा चेहरा अखिलेश यादव का जोड़कर बाबा साहेब का अपमान किया, इस तस्वीर से शायद दलित समाज को यह बताना चाहते हैं कि वे बाबा साहेब के बराबर हैं । समाजवादी पार्टी द्वारा किया गया यह कृत्य घोर निंदनीय है । बाबा साहेब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । बाबा साहेब के चेहरे के साथ अपना चेहरा जोड़ने वाले सपा प्रमुख अखिलेश यादव दलित समाज का सम्मान नहीं, सिर्फ वोट बैंक देख रहे हैं । डॉ0 भीमराव आम्बेडकर ने शिक्षा, समानता, संविधान के मूल्यों के लिए संघर्ष किया और अखिलेश यादव ने उनके नाम का राजनीतिक सौदा किया है । सपा प्रमुख अखिलेश यादव अपनी तस्वीर को डॉ0 अंबेडकर के बराबर लगाना न सिर्फ अहंकार है, बल्कि दलित समाज की भावनाओं के साथ किया गया एक निंदनीय खिलवाड़ है । क्या अखिलेश यादव को नहीं पता कि बाबा साहेब न किसी जाति के थे, न किसी पार्टी के थे, न किसी पार्टी के? वे विचारधारा थे । खुद को उनके समकक्ष प्रस्तुत करना सीधे तौर पर करोड़ों दलितों के संघर्ष का मजाक है । इसी कड़ी में आगे मा0 मड़िहान विधायक पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल ने कहा कि बाबा साहेब का पूरा जीवन समता और अधिकारों की लड़ाई में बीता, जबकि अखिलेश यादव का पूरा राजनीतिक जीवन अपने पिता की कुर्सी बचाने में । परिवारवाद के सबसे बड़े उदाहरण समाजवादी पार्टी ने क्या कभी किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाया? क्या किसी को समाजवादी पार्टी के संगठन का शीर्ष नेतृत्व सौंपा? ये वही अखिलेश यादव है जिनके मंत्री आजम खां ने बाबा साहेब को सार्वजनिक रूप से भू—माफिया बताया मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कुछ नहीं किया । आगे जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कन्नौजिया ने भी विरोध करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का इतिहास दलितों के विश्वासघात से भरा है । अब डॉ0 अंबेडकर की छवि से दलितों को छलने की कोशिश हो रही है, यह राजनीतिक धोखाधड़ी है । अपने शासन काल में किसी भी दलित बाहुल्य क्षेत्र में समाजवादी सरकार ने कोई ठोस नीति क्यों नहीं बनाई? अगर सपा को दलित समाज से सच्चा प्रेम है, तो क्या कारण है कि आज तक किसी दलित नेता को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया? सिर्फ यादव और परिवार के लोगों को ही क्यों उच्च पदों पर बिठाया जाता है? क्या दलित नेता सिर्फ फोटो में दिखने के लिए हैं? इसी कड़ी में धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने भी विरोध में कहा कि “समाजवाद” के नाम पर सपा ने सिर्फ “परिवारवाद” को बढ़ाया । सामाजिक उत्थान के नाम पर यादव परिवार का साम्राज्य खड़ा किया गया । दलितों की राजनीति करने के लिए अखिलेश यादव अब सिर्फ प्रतीकों की शरण में हैं, क्योंकि उनके पास न नीति है, न नीयत । पोस्टर और भाषणों से न तो दलितों का भला होता है और न ही इतिहास बदला जा सकता है । दलित समाज जानता है कि अखिलेश को सिर्फ दो चीजों की चिंता है, मुस्लिम वोट बैंक और अपने परिवार की विरासत । यही वजह है कि वे कभी भी किसी दलित को पार्टी में शीर्ष नेतृत्व नहीं देंगे, सिर्फ उनका उपयोग करेंगे । अखिलेश यादव को इस शर्मनाक प्रयास के लिए माफी मांगनी चाहिए । दलित समाज अब जागरूक है, और ऐसे दिखावटी सम्मान को खारिज करता है । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करके सच्चे अर्थों में बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी है ।
            धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुन्दर केशरी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रविन्द्र नारायण सिंह पटेल, जिला महामंत्री रवि शंकर पाण्डेय, जिलामंत्री हेमंत त्रिपाठी, गौरव ऊमर, जिला कोषाध्यक्ष संजय यादव, जिला मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश दूबे, सह मीडिया प्रभारी प्रणेश प्रताप सिंह, जिला महामंत्री किसान मोर्चा नागेश्वर तिवारी, जिलाध्यक्ष ST मोर्चा राजन वर्मा, नगर पूर्वी मंडल अध्यक्ष डॉली अग्रहरि, नगर पश्चिमी मंडल अध्यक्ष नितिन विश्वकर्मा, अखिलेश सिंह, राकेश कुमार बिन्द, श्याम सिंह, मनीष गुप्ता, सुनीता पटेल, अमित चन्देल, विजय प्रजापति, तारा देवी, शिखा अग्रवाल, विजय निषाद, सूरज निषाद के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे । उक्त जानकारी जिला मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश दूबे ने किया ।

............. मुख्य विकास अधिकारी ने किसान दिवस में आए किसानो की सुनी समस्याएं, निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को दिया निर्देश मीरजापुर मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन के आडिटोरियम में किसान दिवस का आयोजित किया गया। जिसमें जनपद के विकास खण्डों से आये हुए कृषकों के साथ-साथ कृषि, पशुपालन, उद्यान, सहकारिता, विद्युत, सिंचाई सहित कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित अन्य विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें। उप कृषि निदेशक विकेश कुमार पटेल द्वारा किसान दिवस से सम्बन्धित पिछली कार्यवाही को पढ़कर सुनाया गया तथा उपस्थित किसानों की समस्याओं के समाधान के बारे में भी बताया गया। धर्मदेव उपाध्याय, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) जनपद- मीरजापुर द्वारा बताया गया कि जनपद में चल रहे ईट भट्ठा क्रेशर प्लांट लोहा बनाने वाली फैक्टरियाँ पुराने टायरों से तेल निकालने वाली कम्पनियों के कार्य में लगे ट्रैक्टर ट्राली व अन्य वाहन जिनका लाइसेन्स मिट्टी, गिट्टी, पत्थर का ढोका तथा अन्य सामान ढोने का परमीशन नहीं है। इसकी जांच करायी जाए। स्टेट हाइवे नरायनपुर से शक्ति नगर मार्ग पर नरायनपुर से अहरौरा तक सड़क के किनारे कार्यदायी संस्था द्वारा बनवाई गयी नालियों का पानी जहाँ तहाँ किसानों के खेत में अनियंत्रित बह रहा है जिसके कारण किसान परेशान है और पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। उक्त नाली के पानी को तत्काल निस्तारण की व्यवस्था करायी जाए। गरई नहर से संचालित बिक्सी माईनर में लगे कुलावा नं0 7, 8, 9, 10 ऊँचाई पर होने के कारण समुचित ढंग से सिंचाई नहीं हो पाता इसे उचित स्थान पर लगाया जाए, जिससे सिंचाई सुगमता से हो। जिले के नालों को चिन्हित करके सम्पूर्ण नालों पर चेकडैम बनाये जाए तथा जिले के तालाब, पोखरा, छोटे बंधियों को अतिक्रमण मुक्त करते हुए पानी से भरा जाए, ताकि भूजल संरक्षण बना रहे। इससे किसानों की सिंचाई भी सम्भव है। साथ ही अवगत कराया गया कि ग्राम नीबी में राम महाल सिंह पटेल के घर बास के खम्हे से विद्युत प्रभावित होता है। खम्हा लगाने की व्यवस्था हो तथा विशुनपुर जरहा के किसानों को खम्हा न होने से केबिल द्वारा विद्युत सप्लाई होता है, यहाँ खम्भा लगाया जाए। भारतीय किसान यूनियन, मीरजापुर के जिलाध्यक्ष कंचन सिंह फौजी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद में रेलवे कारीडोर बनाने के लिए किसानों के भूमि का अधिग्रहण किया गया जिसमें किसानों को मुआवजा व पुनर्वास की राशि अभी भी बकाया है जबकि रेलवे लाइन निर्माण होकर पूर्ण रूप से परिचालन चल रहा है। जिससे किसानों में काफी मायूसी है। चुनार तहसील के अन्तर्गत ग्राम- कुंडाडीह, जादवपुर, करहट, बरईपुर, मकईपुर, जमालपुर मु0, बरीजीवनपुर व अन्य गांव के किसानों के जमीन का मुआवजा व पुनर्वास की राशि (5 लाख रूपये) किसानों को अभी तक नहीं मिला है और पं0 दीनदयाल स्टेशन से प्रयागराज तक तीसरी लाइन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चला है जिसमें किसानों का मुआवजा व सभी किसानों को पुनर्वास की राशि भी अभी तक नहीं मिला है, कृपया आवश्यक कार्यवाही कराना सुनिश्चित करेे। अनुराग गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन लोक, अदलहाट मीरजापुर द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम गौरही के पूर्वी सीमा पर कलवरिया नाला स्थित है, जो दक्षिण से उत्तर को जाती है, उसमें पूर्व ग्राम प्रधान नन्हकूध्शिवमूरत के चक के सामने उक्त रेगुलेटर बना हुआ है, जिससे निगार का पानी रोककर धान के फसल की भरपूर सिंचाई की जाती है। उक्त रेगुलेटर के पास नाले की पर्याप्त भूमि खाली पड़ी है। उस भूमि में रेगूलेटर के दक्षिण, पश्चिम नाले के ही जमीन में खोदाई करके व नाला के पश्चिम तरफ मेड़ा मजबूत व ऊँचा करके चेकडैम का निर्माण आसानी से कराया जा सकता है। चेकडैम का निर्माण हो जाने से उपरोक्त रेगुलेटर के सहारे पानी रोककर धान की खेती के साथ-साथ सैकड़ों एकड़ खेत में गर्मी के सीजन में साग सब्जी की अच्छी खेती की जा सकती है और नाले के पश्चिम पटरी को सर्विस रोड का रूप दिया जा सकता है। बजरंगी कुशवाहा, प्रमुख महासचिव भा0कि0यू0 लोकशक्ति, मीरजापुर द्वारा अवगत कराया गया है कि विभिन्न ग्रामसभाओं में कूड़ाघर का निर्माण कराकर उन्हें कूड़ागाड़ी भी उपलब्ध कराया गया है परन्तु उपयोग नही ंके बराबर है अधिकांश में ताला बन्द है। ग्रामसभाओं में कूड़ादान नहीं रखा गया है। साथ ही अवगत कराया गया कि डोहरी से पसही सम्पर्क र्मा को 300 मीटर कट स्टोन को छोड़कर मार्च/अप्रैल 2024 को गढ्ढा मुक्त किया गया था। जून 2024 को उसे पीसी कराया गया था, परन्तु दो -तीन माह में ही पसही मौया/बियरान बस्ती के पास उक्त सड़क पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे महसूस हो रहा है कि उक्त सकड़ के निर्माण मानक के अनुरूप नहीं किया गया है। जिससे आम नागरिकों के आवागमन में काफी असुविधा हो रही है। बैठक में जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, ए0आर0 कोआपरेटिव, अग्रणी जिला प्रबन्धक व अन्य विभागीय अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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................... विशालकाय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत कराची बंदरगाह से 50 एन एम (नाटिकल मील) पहले अरब सागर में तैनात कर दिया गया है। 1971 में भरत ने चटगांव बंदरगाह के पास बंगाल की खाड़ी में आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात किया था तब पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) को पाक से अलग कर दिया था, इस बार बलूचिस्तान की बारी है। कराची हार्बर को उड़ा देना होगा। अनुमति मांगने की तुलना में सॉरी कहना आसान है। विक्रांत, फ्रिगेट्स और विध्वंसक के साथ कराची हार्बर पर हमला करे, ऐसा करने के बाद अमेरिका से सॉरी कह दें। यदि आप अनुमति मांगते हैं, तो आपको यह कभी नहीं मिलेगी। हम अगर ढाई मोर्चे पर संघर्ष का खतरा झेल रहे हैं तो पाकिस्तान में भी चार मोर्चों पर संघर्ष शुरू हो गया है। इस बार ईरान भी बहते पानी में हाथ धोने के मूड में है। पहले ईरान ने कहा था कि वह तनाव कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करेगा। 2 दिन पहले पाक ने एक प्रशिक्षित आत्मघाती हमलावर को ईरान भेजा, उसने बंदर अब्बास बंदरगाह पर खुद को उड़ा दिया, जिसमें 315 से अधिक लोग मारे गए। इससे ईरान नाराज हो गया, ईरान ने कहा कि वह पाकिस्तान को नरक में ले जाएगा। पाकिस्तान के लिए एक और मोर्चा खुल गया है। फ्रंट नंबर एक-भारत फ्रंट नंबर दो-अफगानिस्तान फ्रंट नंबर तीन- खैबर और बलूचिस्तान फ्रंट नंबर चार- ईरान पाक को एक और झटका लगा है। सेना के अधिकारी, नौकरशाह और राजनेता अपने परिवारों को लाहौर हवाई अड्डे से चार्टर विमानों में दुबई और लंदन भेज रहे थे। इससे कुछ पाकिस्तानी नाराज हो गए और उन्होंने हवाईअड्डे को अपने तरीके से छू दिया और पूरा एयरपोर्ट आग की लपटों में धधक गया। पाक ने लाहौर से उड़ान भरने वाली सभी उड़ानों को बंद कर दिया है। एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष आसिम मुनीर अपने परिवार को ब्रिटेन भेजने के बाद तेल उधार लेने के लिए ताजिकिस्तान गया, वहाँ से उसे सिर्फ आश्वासन मिला। जल्द ही यह जानने के बाद कि भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, वह पाक में दौड़ते हुए वापस आया और राजनीतिक वर्ग और सभी रक्षा कर्मियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। बैठक में एयर मार्शल ने कहा कि उनके 75 एफ-16 लड़ाकू विमानों में से 50 एफ-16 को रखरखाव की जरूरत है और वे हैंगर पर हैं। वे परिचालन की स्थिति में नहीं हैं। भारत अपनी वायु और नौसैनिक शक्ति में पाकिस्तान से काफी आगे है। एयर मार्शल से मिले इस अपडेट के बाद वह चीन की राजधानी बीजिंग जेएफ-10 जेट्स माँगने गया जो इजरायली एयर सर्विलांस, बीवीआर और एडवांस्ड मिसाइल तकनीक से लैस हैं। चीन ने उन्हें जो जेएफ-17 दिया था, वह युद्ध में बेकार साबित हुआ है। साथ ही उसने इनके रडार और सैटेलाइट सपोर्ट के लिए भी अनुरोध किया। चीन ने मुनीर के मुँह पर ही उसके अनुरोध को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया, बीजिंग ने इस्लामाबाद से दो तिमाहियों की बकाया किस्त को देने के लिए भी कहा है जो उसने भुगतान करने में चूक की है। बीजिंग से वापस लौटने के बाद अब मुल्ला मुनीर परमाणु रोधी सुविधायुक्त एक बंकर में छिप कर बैठा हुआ है। स्थितियाँ बता रही हैं कि अब युद्ध आरंभ होने को है और इसके बाद पाकिस्तान के 4 अलग-अलग देशों में टूटने की पूरी संभावना है। ● Vivek Padtani

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