इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 30 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे। क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है। इसी कारण से शर्दी के महीनों में 30 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं, इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। यही सुझाव में भी देता हु।*
साढ़े तीन मिनिट: मेरी सलाह!
डॉ. एस के अग्रवाल
जनरल फिजीशियन
जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!
हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए।
यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?
यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।
जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।
ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?
इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।
यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।
साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।
1. नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।
2. अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।
3. अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।
साढ़े तीन मिनिट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।
आपके प्रियजनों को लाभ हो अतएव सजग करने हेतु अवश्य प्रसारित करे।
धन्यवाद!!
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.................. राजस्थान की राजधानी जयपुर में भीषण सड़क हादसा हो गया। जयपुर में DPS स्कूल के पास शुक्रवार तड़के पेट्रोल पंप पर ब्लास्ट हो गया। सीएनजी गैस से भरा टैंकर फट गया। कई लोग और गाड़ियां जल गईं। हादसे के कारण अजमेर हाईवे पर लंबा जाम लग गया। देखते ही देखते दर्जनभर से ज्यादा गाड़ियों में आग लग गई। एक-एक कर हुए कई ब्लास्ट प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले CNG ट्रक और एक अन्य ट्रक में भिड़ंत हुई। इस जोरदार भिड़ंत के बाद CNG ट्रक में भयंकर ब्लास्ट हो गया। इसके बाद एक-एक कर कई ब्लास्ट हुए। आस-पास की गाड़ियां भी उसके चपेट में आ गईं। 20 से अधिक गाड़ियां आग की चपेट में आ गईं। हादसे की चपेट में सवारियों से भरी बस हादसे में 12 लोग बुरी तरह झुलस गए हैं। हादसे की चपेट में एक बस भी आ गई। बस से सवारियों ने किसी तरह उतरकर अपनी जान बचाई। आग से झुलसे लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है। गाड़ियों में फंसे हुए लोगों को दमकल, सिविल डिफेंस पुलिस और स्थानीय लोगों की सहायता से बाहर निकाला गया। अब तक 5 लोगों की मौत की खबर है। 39 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुक्रवार सुबह हुआ हादसा ये हादसा शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे भंक्रोटक डी क्लॉथोंन के पास हुआ है। कई वाहनों में अभी तक आग लगी हुई है। पुलिस और दमकल विभाग वाहनों में लगी आग बुझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। सीएम भजनलाल शर्मा ने लिया जायजा हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। सीएम ने हादसे की जगह पर जाकर अधिकारियों से मुलाकात की। हादसे की वजह भी जानी। वहीं, गंभीर रूप से झुलसे लोगों को एसएमएस अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है।
.............. महाकुम्भ 2025 महाकुम्भ में नाविकों के लिए अच्छी खबर, नावों का किराया 50 फीसदी बढ़ाने पर मेला प्रशासन ने दी सहमति सभी प्रमुख घाटों और पार्किंग में लगाई जाएंगी नाव के किराए की लिस्ट स्नान पर्व के दिनों में भी सुरक्षा के पूरे मानकों को ध्यान में रखकर नाव संचालन की मिली सीमित अनुमति नाविकों को मिलेगा बीमा कवर का लाभ, सभी 3000 नाविकों को दी जाएगी लाइफ जैकेट महाकुम्भ नगर, 19 दिसंबर। जनवरी 2025 से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ के पहले योगी सरकार की तरफ से संगम के नाविकों के लिए अच्छी खबर आई है। मेला प्रशासन ने नाविकों की जीविका और सुरक्षा को देखते हुए महाकुम्भ में कई लाभ देने का फैसला किया है। नावों का किराया 50 फीसदी बढ़ाने पर प्रशासन की सहमति महाकुम्भ की शुरुआत के पहले कुम्भ मेला प्रशासन की तरफ से संगम के नाविकों को कई रियायत देने का ऐलान किया गया है। नावों का किराया बढ़ाने पर मेला प्रशासन की सहमति बन गई है। एडीएम महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक संगम में चलने वाली नावों के किराए में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। लंबे समय नाविकों की नाव का किराया बढ़ाने की मांग की जा रही थी। प्रयागराज जिला नाविक संघ और मेला प्रशासन के बीच हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है। प्रयागराज जिला नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने प्रशासन के इस फैसले का स्वागत किया है। पप्पू लाल निषाद का कहना है महंगाई में बढ़ोत्तरी के बावजूद कई बरसों से नावों के किराए में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी। इसे देखते हुए प्रशासन का फैसला नाविकों के हित में है। सभी घाटों और पार्किंग स्थल पर लगेंगी नाव के किराए की रेट लिस्ट नावों के किराए में की गई बढ़ोत्तरी के बाद अब यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि किसी भी श्रद्धालु से तय किए गए किराए से ज्यादा किराया न लिया जाय। इसके लिए पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए नाव के किराए की नई सूची भी तैयार की जा रही है। एडीएम मेला के मुताबिक सभी घाटों और पार्किंग स्थल में इस लिस्ट को चस्पा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रमुख स्नान पर्व पर भी नावें संचालित की जा सकेंगी, सिर्फ मोटर बोट प्रतिबंधित रहती है। स्नान पर्व के दिन भी मौसम और भीड़ की स्थिति को देखते हुए तय होगा नावों का संचालन महाकुंभ में स्नान पर्वों के दिन त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा महत्वपूर्ण पहलू है। इसे ध्यान में रखते हुए पर्व पर नाव संचालन का निर्णय लिया गया है। एस डी एम महाकुंभ अभिनव पाठक बताते हैं कि स्नान पर्व में मौसम और भीड़ की स्थिति को देखते हुए नाव संचालन का निर्णय लिया जाएगा। नाविकों को मिलेगा बीमा कवर का लाभ प्रयागराज के संगम में इस समय 1455 नावों का संचालन हो रहा है। महा कुम्भ के समय आसपास के जिलों से नावों के आने के बाद इनकी संख्या 4000 पार सकती है। इन सभी नाविकों की नावों का बोट टेस्ट करने के बाद इन्हें लाइसेंस जारी होगा। उन्हें लाइफ जैकेट प्रदान की जाएंगी। सभी नाविकों को 2 लाख का बीमा कवर का लाभ भी मिलेगा।
............... बांग्लादेश से गुस्सा, इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म कबूला! 'फखरुद्दीन' बना फतेह सिंह बहादुर यूपी के सीतापुर में फखरुद्दीन खान ने इस्लाम धर्म छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया, फखरुद्दीन ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार से दुखी होकर सनातन धर्म अपनाने का फैसला किया जिसके बाद पूरे हिंदू रीति रिवाज से फखरुद्दीन खान ने सनातन धर्म अपना लिया.. इसके साथ ही फखरुद्दीन अब फतेह सिंह बहादुर बन गया. सनातन धर्म अपनाने के लिए फखरुद्दीन ने सबसे पहले अपना मुंडन करवाया.. उसके बाद दाढ़ी कटवाई.. फिर रामकोट थाना क्षेत्र में स्थित काली मंदिर में भगवा वस्त्र धारण कर हवन-पूजन किया.. इस दौरान हिंदू संगठन के लोग भी शामिल रहे. .बताया गया कि फखरुद्दीन ने एक हिंदू संगठन से संपर्क कर सनातन धर्म अपनाने की इच्छा जाहिर की.. जिसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं की देखरेख में पूरे हिंदू रीति रिवाज से उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया गया. फखरुद्दीन से फतेह सिंह बहादुर बने शख्स ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसक घटनाओं से दुखी होकर अपनी आस्था पर पुनर्विचार किया और सनातन धर्म अपनाने का संकल्प लिया.
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