इमरान समर्थकों को 'देखते ही गोली मारने के आदेश', अब तक छह की मौत,
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों के हमले की निंदा की. प्रदर्शनकारियों के साथ मुठभेड़ में 4 रेंजर्स और 2 पुलिसकर्मी मारे गए. मंगलवार को जब पीटीआई के काफिले पार्टी के नियोजित शक्ति प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद में दाखिल हुए, तो प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे 'प्रदर्शनकारियों का हमला' बताया, जिसके बारे में आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि इसमें कम से कम चार रेंजर्स कर्मियों की शहादत हुई. पाकिस्तानी अंग्रेजी दैनिक द नेशन के अनुसार, सेना को अनुच्छेद 245 के तहत तैनात किया गया था और उन्हें 'देखते ही गोली मारने' का अधिकार दिया गया है.
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब रविवार से देशभर में सड़कों पर चल रहे पीटीआई के काफिले इस्लामाबाद में अपने संस्थापक इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर बहुचर्चित शक्ति प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए हैं. अपने मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में, आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने कथित हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और संवेदना व्यक्त की.
सरकार वैकल्पिक स्थल प्रस्ताव पर पीटीआई की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है
सोमवार रात को जब प्रदर्शनकारियों के बिखरे हुए समूह राजधानी के बाहरी इलाकों में पहुंचने लगे, तो सरकार और पीटीआई ने बातचीत के लिए एक 'बैक-चैनल' खोल दिया. देर रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने प्रदर्शनकारी पार्टी के साथ बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार ने इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में स्थित संगजानी को उनके विरोध प्रदर्शन के लिए स्थल के रूप में पेश किया है.
पीटीआई नेताओं ने सोमवार देर रात विशेष रूप से आयोजित बैठक में इमरान खान से दूसरी बार मुलाकात की, जहां उन्होंने कथित तौर पर जेल में बंद पार्टी संस्थापक के सामने सरकार के प्रस्ताव रखे. बैठक का नतीजा तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया, क्योंकि पीटीआई प्रतिनिधिमंडल मीडिया से बात किए बिना ही चला गया.
पाकिस्तान में सरकार और इमरान खान के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. एक सुरक्षा अधिकारी ने रविवार को मीडिया को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री की जेल से रिहाई की मांग को लेकर आयोजित रैली से पहले राजधानी में लॉकडाउन के कारण इमरान खान के हजारों समर्थकों को गिरफ्तार किया गया.
खान एक साल से अधिक समय से जेल में हैं और उनके खिलाफ 150 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं. लेकिन वे लोकप्रिय बने हुए हैं. उनकी राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं का कहना है कि इमरान खान पर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. पूर्वी पंजाब प्रांत के एक सुरक्षा अधिकारी शाहिद नवाज ने बताया कि पुलिस ने खान के 4,000 से अधिक समर्थकों को गिरफ्तार किया है. इनमें पांच सांसद भी शामिल हैं.
इससे पहले पाकिस्तान की पुलिस ने शनिवार से इस्लामाबाद को शिपिंग कंटेनरों से सील कर दिया. इसके साथ ही इस्लामाबाद को पंजाब और उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों में पीटीआई के गढ़ों से जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को बंद कर दिया है. पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की सीमा पर स्थित राजमार्ग पर पुलिस और पीटीआई के बीच जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले दागे जाने की खबर है. इससे पहले रविवार को पाकिस्तान ने 'सुरक्षा संबंधी चिंताओं वाले क्षेत्रों में' मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था.
सरकार और गृह मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घोषणा पोस्ट की. हालांकि, यह पाकिस्तान में पहले से ही प्रतिबंधित है. उन्होंने क्षेत्रों को निर्दिष्ट नहीं किया, न ही उन्होंने कहा कि निलंबन कब तक लागू रहेगा. पोस्ट में कहा गया है कि बाकी देश में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं सामान्य रूप से चलती रहेंगी. इस बीच, दूरसंचार कंपनी नयाटेल ने ईमेल भेजकर ग्राहकों को निलंबित सेलफोन सेवा वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक उपाय के रूप में 'एक विश्वसनीय लैंडलाइन सेवा' की पेशकश की.
खान के समर्थक उनकी रिहाई की मांग करने के लिए सोशल मीडिया पर बहुत अधिक निर्भर हैं. घटनाओं के विवरण सहित जानकारी साझा करने के लिए व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं. पीटीआई के प्रवक्ता शेख वकास अकरम ने कहा कि खान की पत्नी बुशरा बीबी खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर के नेतृत्व में एक काफिले में इस्लामाबाद जा रही थीं.
अकरम ने कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकतीं. पेशावर में उत्सव का माहौल था, पीटीआई के सदस्य नाच रहे थे, ढोल बजा रहे थे और खान की तस्वीरें थामे हुए थे, जबकि कारें इस्लामाबाद के लिए रवाना हो रही थीं.
इंटरनेट एडवोकेसी समूह नेटब्लॉक्स के अनुसार, सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा रही है और वीपीएन सेवाओं को लक्षित कर रही है. रविवार को, समूह ने कहा कि लाइव मेट्रिक्स ने व्हाट्सएप के साथ समस्याओं को दिखाया जो ऐप पर मीडिया शेयरिंग को प्रभावित कर रहे थे.
अमेरिकी दूतावास ने राजधानी में अमेरिकियों के लिए एक सुरक्षा चेतावनी जारी की, जिसमें उन्हें बड़ी सभाओं से बचने के लिए प्रोत्साहित किया गया. और चेतावनी दी गई कि शांतिपूर्ण सभाएं भी हिंसक हो सकती हैं. पिछले महीने, अधिकारियों ने खान समर्थक रैली को विफल करने के लिए इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सेलफोन सेवा को निलंबित कर दिया था. बंद होने से संचार बाधित हुआ और बैंकिंग, राइड-हेलिंग और खाद्य वितरण जैसी रोजमर्रा की सेवाएं प्रभावित हुईं. हाल ही में यह कार्रवाई बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की यात्रा की पूर्व संध्या पर की गई है.
आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि अधिकारियों ने इस्लामाबाद के रेड जोन को सील कर दिया है, जिसमें प्रमुख सरकारी इमारतें हैं और खान के समर्थकों का ठिकाना है. नकवी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वहां पहुंचने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि निवासियों और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं, उन्होंने लोगों और व्यवसायों को असुविधा पहुंचाने के लिए पीटीआई को दोषी ठहराया.
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी बेलारूसी प्रतिनिधिमंडल के समान ही रास्ता अपनाने की योजना बना रहे थे, लेकिन सरकार ने इस परिदृश्य को रोक दिया है. नकवी ने सेलफोन सेवाओं को निलंबित किए जाने से इनकार किया और कहा कि केवल मोबाइल डेटा प्रभावित हुआ है.
................... देश में रहना है तो भारत माता की जय कहना पड़ेगा', नीतीश के मंत्री का बयान कैमूरः यूपी उपचुनाव में बीजेपी की सफलता पर बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने बड़ा बयान दिया है. इस दौरान उन्होंने विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'भारत में रहना है तो भारत माता की जय करना होगा.' इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा. संतोष सिंह कैमूर में मीडिया को संबोधित कर रहे थे. 'यूपी में मोदी-योगी का मैजिक': यूपी उपचुनाव में 9 सीट पर बीजेपी को 7 सीटों पर जीत मिली. इसमें दो सीट ऐसी है, जहां 33 और 31 साल के बाद जीत मिली. इस सफलता पर बिहार सरकार के मंत्री ने योगी-मोदी का मैजिक बताया. कहा कि योगी मोदी की जोड़ी को उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरा देश पसंद करता है. चुनाव में 98% का स्ट्राइक रेट रहा. इस दौरान विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. "पाकिस्तान वाले, पाकिस्तान की बात करने वाले, देश तोड़ने की बात करने वाले जो किसी और का गुणगान करते हैं. जो राष्ट्र के हित के लिए नहीं सोचता है, उनका अब समय अंतिम आ गया है. थोड़ा इंतजार करिए सभी लोग अपने-अपने जगह पर चले जाएंगे. कोई भारत में नहीं बचेगा. भारत में रहना है तो भारत माता की जय कहना पड़ेगा." -संतोष सिंह, मंत्री, बिहार सरकार 'दोबारा सत्ता में नहीं आएगी राजद': बिहार में राजद की हार और झारखंड में तीन सीट पर जीत को लेकर तेजस्वी यादव को नसीहत दी. मंत्री संतोष सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव तो दूर उन्हें उनके पूरे खानदान के लोग भी अगर पगड़ी उतार दें तो भी बिहार में दोबारा सत्ता में वापस नहीं आ सकते. तेजस्वी यादव ने कहा था बिहार में डबल इंजन की सरकार में एक इंजन भ्रष्टाचार तो दूसरा अपराध में लगा है. "भ्रष्टाचार और अपराध की परिभाषा तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोग हैं. बिहार के लोग हंस रहे हैं. तेजस्वी यादव को यह नैतिक अधिकार नहीं है कि वह बिहार में सुशासन और अपराध की बात करें." -संतोष सिंह, मंत्री, बिहार सरकार 'अटल का झारखंड': झारखंड में एनडीए की सरकार नहीं बनने पर कहा कि झारखंड की मेरी गरीब माताएं-बहने, आदिवासी बहनें समझेंगी. थोड़ा समय लगेगा. तेजस्वी यादव से कहा कि थोड़ा इंतजार कीजिए झारखंड अटल जी था, है और रहेगा.
................. 190 करोड़ की ठगी मामले में 11 गिरफ्तार; प्रतिबंधित गेम ऐप से करते थे ठगी, 169 बैंक खातों में 2 करोड़ फ्रीज, आजमगढ़: जिले की पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 190 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस मामले में कुल 169 बैंक खातों में लगभग 2 करोड़ रुपये फ्रीज किए गए हैं. इसके अतिरिक्त 3.40 लाख रुपये नगद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिमकार्ड, 7 चेक बुक, 3 आधार कार्ड और 1 जियो फाइबर राउटर भी बरामद किए हैं. पुलिस अधीक्षक हेमराज मीना ने बताया कि 25 नवंबर को थाना साइबर क्राइम की पुलिस टीम ने प्रतिबंधित ऑनलाइन ऐप के जरिए ठगी करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश किया. गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, मेटा और टेलीग्राम पर विज्ञापन देकर लोगों को फंसाते थे. एसपी हेमराज मीना ने बताया कि गिरोह के सदस्य पीड़ितों को पैसे दोगुने या तिगुने करने का लालच देकर उनकी लॉगिन आईडी बनाते और ऑनलाइन गेम्स के जरिए उनके खातों से पैसे निकालकर फर्जी खातों में ट्रांसफर करते थे. पीड़ितों की आईडी ब्लॉक कर दी जाती थी. इस संगठित गिरोह में भारत के अलावा श्रीलंका और यूएई के सदस्य भी शामिल थे. गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में उत्तर प्रदेश से 6, बिहार से 2, उड़ीसा से 2 और मध्य प्रदेश का एक अभियुक्त शामिल है. इन अभियुक्तों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में 70 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं. इनकी गिरफ्तारी 25 नवंबर को नगर कोतवाली के रैदोपुर क्षेत्र में एक मॉल के सामने स्थित एक मकान से की गई. थाना साइबर क्राइम प्रभारी और उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर दबिश देकर 11 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. वहीं दो अभियुक्त फरार हैं. एसपी हेमराज मीना ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे आजमगढ़ में दो यूनिट चला रहे थे, जिनमें कुल 13 सदस्य सक्रिय रूप से कार्यरत थे. ये लोग सरकार द्वारा प्रतिबंधित एप का उपयोग कर ठगी करते थे. व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए पीड़ितों से संपर्क किया जाता था. गैंग द्वारा अर्जित धनराशि को फर्जी खातों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारों के साथ बांटा जाता था.
.................... भाजपा के दिग्गज नेता श्यामदेव राय चौधरी का निधन, बनारस के शहर दक्षिणी से 7 बार रह चुके थे विधायक, वाराणसी : शहर दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहे, भाजपा के वृद्ध नेता श्यामदेव राय चौधरी का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह वाराणसी के रवींद्र पुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हालचाल जानने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने मुलाकात भी की थी. श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे. 85 वर्ष की अवस्था में श्यामदेव राय चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से ही पुकारते थे. भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी. वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे. पार्षद के तौर पर सियासी सफर की शुरुआत : 1968 में पार्षद के तौर पर उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी और 1985 में पहले विधानसभा चुनाव को लड़ने के दौरान उन्हें हर का सामना करना पड़ा था, 1989 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे. जमीन से जुड़े रहना उनका स्वभाव था : बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले दादा हमेशा रिक्शे से या फिर पैदल ही चलते नजर आते थे. विधायक रहते हुए उन्होंने कभी भी ना ही सरकारी सुविधा का लाभ लिया नहीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाने आने के लिए अक्सर वह स्थानीय लोगों की मोटरसाइकिल पर बैठकर ही कहीं सफर पर निकल जाया करते थे. चाय और पान की दुकान पर इनसे अक्सर लोग मिलते थे. श्यामदेव राय चौधरी की छवि बेहद ही सादगी भरी मानी जाती रही. वफादार कैंडिडेट होने पर भी काटा गया टिकट : 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने इस पुराने और सबसे वफादार कैंडिडेट का टिकट काट दिया, और नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया गया. इस पर श्याम देवराय चौधरी बेहद नाराज भी हुए थे. अपना टिकट कटने के बाद वह बेहद परेशान भी . राजनीति के जानकार लोग उस वक्त बीजेपी को दक्षिणी में हार मिलने की बात कर रहे थे, क्योंकि श्याम देवराय चौधरी ने उस वक्त अपने हाथ प्रचार से खींच लिए थे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनाए जाने के बाद, वह मान गए थे, और बाद में कुछ जगहों पर वह प्रचार के लिए भी गए थे. श्याम देवराय चौधरी की छवि बेहद अच्छी मानी जाती रही है. मनाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा : नाराज हुए नेता को मनाने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आना पड़ा. इस दौरान दक्षिणी विधानसभा में लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इस इलाके में रोड शो किया था. बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे थे. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर के गेट पर मौजूद श्याम देवराज चौधरी को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद उनके हाथ पकड़ कर, उन्हें अंदर अपने साथ ले गए. यह तस्वीर काफी चर्चा में भी रही थी. प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किए गए : श्यामदेव चौधरी 1989 से लेकर 2017 तक, सात बार वाराणसी दक्षिणी विधानसभा के प्रतिनिधि के तौर पर, उत्तर प्रदेश विधानसभा में मौजूद थे. भारतीय जनता पार्टी में कैबिनेट मंत्री का भी पद संभाल चुके, श्यामदेव राय चौधरी को 2007 और 2012 में प्रोटेम स्पीकर के तौर पर भी नियुक्त किया गया था. जनता के लिए किया अनशन : श्यामदेव चौधरी ने अखिलेश यादव की सरकार में अनशन भी किया था, क्योंकि वाराणसी में लगातार हो रही बिजली कटौती से वह बेहद नाराज थे. उनके अनशन की वजह से अखिलेश यादव ने उनकी बातों को सुना था, और वाराणसी में 24 घंटे में बिजली देने की घोषणा की थी. जिसके बाद वह और भी चर्चा में आ गए थे।
2023 © DL NEWS. All Rights Reserved.