लोन नहीं लिया फिर भी बैंक 14 साल तक बताता रहा डिफाल्टर,
उद्योगपति ने किया एक हजार करोड़ का दावा
इंदौर :उद्योगपति ने बैंक से न तो ऋण लिया न ही किसी मामले में जमानत दी, बावजूद इसके बैंक 14 वर्ष तक विज्ञापनों में उन्हें डिफाल्टर और गारंटर के रूप में बताती रही। इतना ही नहीं बैंक ने सेबी को पत्र लिखकर उद्योगपति की तीन कंपनियों को बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में डिलिस्ट भी करवा दिया। नतीजा यह हुआ कि कंपनियों के जो शेयर किसी समय आसमान की बुलंदियों को छू रहे थे वे जमीन पर आ गिरे।
हाई कोर्ट ने उद्योगपति के पक्ष में सुनाया फैसला
आखिर उद्योगपति ने हाई कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने बैंक से पूछा कि किन दस्तावेजों के आधार पर उद्योगपति को डिफाल्टर और गारंटर बताया जा रहा, तो बैंक अधिकारी बगले झांकने लगे। आखिर कोर्ट के आदेश के बाद बैंक ने गारंटर और डिफाल्टर के रूप में नाम हटा दिया। अब उद्योगपति ने जिला न्यायालय में बैंक के खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का दावा प्रस्तुत किया है। 14 अक्टूबर को मामले में सुनवाई होना है। मामला इंदौर के उद्योगपति सुरेश शर्मा का है।
14 साल तक बैंक छपवाता रहा वसूली का नोटिस
जिला न्यायालय में प्रस्तुत केस में उन्होंने कहा कि कैनरा बैंक जो कि पूर्व में सिंडिकेट बैंक थी ने 14 वर्ष तक उन्हें जमानतदार, डायरेक्टर, लोन गारंटर बताकर देशभर के अखबारों में उनके नाम से वसूली नोटिस छपवाकर उनकी औद्योगिक साख को बट्टा लगाया है। शर्मा के मुताबिक उन्होंने वर्टेक्स स्पिनिंग लिमिटेड के नाम से पीथमपुर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की यूनिट लगाई थी। बाद में उन्होंने इस कंपनी को अन्य सदस्यों को सौंप दिया और खुद बाहर हो गए।
शर्मा द्वारा स्थापित कंपनी ने लिया था लोन
वर्ष 2006 में बिजनेस मैग्जीन के मुताबिक वे आर्थिक मामलों में देश के 16वें क्रम के उद्योगपति थे और उस समय उनकी व्यक्तिगत संपत्ति का आंकलन 606 करोड़ रुपये किया गया था। वर्ष 2006 में ही शर्मा कंपनी से अलग हो गए थे। उनके कंपनी से अलग होने के बाद कंपनी ने एक्रेलिक स्पिनिंग प्लांट के लिए 40 करोड रुपये का नया प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई और इसके लिए बैंक से 23 करोड़ रुपये का ऋण ले लिया।
बाद में इस ऋण की अदायगी को लेकर कंपनी और बैंक के बीच विवाद हुआ। इस ऋण की वसूली के नाम पर कैनरा बैंक देश के विभिन्न अखबारों में शर्मा को गारंटर, जमातदार, डायरेक्टर बताकर विज्ञापन जारी करती रही। शर्मा ने बार-बार बैंक से गुहार लगाई कि कंपनी से उनका कुछ लेना देना नहीं है।
एक हजार करोड़ का दावा
प्रस्तुत कियाहाल ही में हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक उद्योगपति सुरेश शर्मा का नाम गारंटर, डायरेक्टर, जमानतदार के रूप में हटाया जाए, क्योंकि बैंक के पास ऐसा कोई दस्तावेज ही नहीं है जो बताता हो कि शर्मा गारंटर, डायरेक्टर या जमानतदार हैं।कोर्ट के इस आदेश के बाद अब शर्मा ने जिला न्यायालय में कैनरा बैंक से एक हजार करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में दिलवाए जाने के लिए दावा लगाया है। इसमें कहा है कि बैंक की लापरवाही की वजह से उनकी औद्योगिक साख को नुकसान हुआ है। बैंक ने उनकी कंपनियों को बाम्बे स्टाक एक्सचेंज में डीलिस्ट करवाया जिसके उन्हें साख खोने के साथ-साथ करोड़ों का नुकसान भी उठाना पड़ा।
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..................... झारखंड में डायन के शक में ट्रिपल मर्डरः सिर काटकर जंगल में फेंकी लाश चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला के बंदगांव प्रखंड के टेबो थाना अंतर्गत अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के एक गांव में तीन लोगों की हत्या हुई है. एक बुजुर्ग दंपती समेत उनकी 24 वर्षीय बेटी की डायन बिसाही के शक में धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई है. शुक्रवार को ग्रामीणों ने जंगल में तीन लोगों का शव देखा, इसके बाद पुलिस को सूचना देने के बाद तीनों का शव बरामद किया गया. तीनों शव नग्न अवस्था में थे, सभी उनके सिर और शरीर पर धारदार हथियार से कटे होने के निशान मिले हैं. बरामद शवों की पहचान टेबो थाना क्षेत्र के 57 वर्षीय पुरुष, 48 वर्षीय महिला और 24 वर्षीय युवती के रूप में की गई है. इस संबंध में दंपती के परिजन ने शक जाहिर करते हुए कहा है कि उनके चाचा-चाची और उनकी चचेरी बहन की डायन बिसाही के आरोप में हत्या की गई होगी. क्योंकि इस क्षेत्र में अंधविश्वास को लेकर कई बार हत्याएं हो चुकी हैं. इस घटना की पुष्टि करते हुए टेबो थाना प्रभारी विक्रांत कुमार मुंडा ने बताया कि ये डायन बिसाही का मामला है कि नहीं यह जांच का विषय है. इस संबंध में अनुसंधान करने के बाद ही कुछ कहना सही होगा. पुलिस के द्वारा जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. ग्रामीणों से मिली जानकारी अनुसार 10 अक्टूबर की रात को अज्ञात हमलावरों ने तीनों को उनके घर से खींचकर बाहर निकाला. इसके बाद उनकी धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी. इसके बाद हत्यारों ने साक्ष्य छुपाने के लिए तीनों के शव को दूर जंगल के चुरिंगकोचा पहाड़ी स्थित घने जंगल में ले जाकर फेंक दिया था. शुक्रवार को जंगल लकड़ी चुने गए कुछ लोगों ने तीनों शव को दिखा. इसके बाद इसकी जानकारी टेबो पुलिस को दी लेकिन घटनास्थल अति नक्सल प्रभावित होने के कारण पुलिस शनिवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच घटनास्थल पहुंचकर तीनों शव को जब्त किया. जब पुलिस घटनास्थल से शव बरामद करने के दौरान तीनों शव पूरी तरह से नग्न अवस्था में था. दोनों महिला का शव के ऊपर एक भी कपड़ा नहीं था. शव के सिर और गर्दन में धारदार हथियार से काटे जाने का निशान पाया गया. पुलिस ने तीनों शवों जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है. बता दें कि पश्चिमी सिंह जिला के चक्रधरपुर पोड़ाहाट अनुमंडल में एक ही सप्ताह में 6 लोगों की हत्या हो चुकी है. पिछले दिनों तीन फेरीवालों की निर्मम हत्या हुई थी. उस घटना को लोग अभी भूले भी नहीं थे कि इस बार अब फिर एक बार एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई है.
................................... क्षेत्र का प्राचीन एवं ऐतिहासिक विजयदशमी कार्यक्रम संपन्न हुआ 150 वर्षों से अवनरत दशहरा मनाया जा रहा है ड्रमंडगंज स्थानीय बाजार में 28सितम्बर से चल रहे रामलीला के पन्द्रहवें दिन विजयदशमी मेला में विगत वर्षों से इस वर्ष अधिक हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। मीरजापुर नगरपालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केशरी भी इस वर्ष ड्रमंडगंज बाजार के प्रसिद्ध विजयदशमी मेला में यहां के ऐतिहासिक दससिर वाले लोहे के रावण को देखने के लिए आये और राम-रावण युद्ध के साक्षी बने। ज्ञात हो कि ड्रमंडगंज बाजार के प्रसिद्ध लोहे के रावण को देखने के लिए पड़ोसी जनपद व मध्यप्रदेश से भी प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग आते हैं। इस वर्ष ड्रमंडगंज बाजार में हजारों की संख्या में मेले में आये दर्शकों को नियंत्रित करने के लिए ड्रमंडगंज थाना प्रभारी अरविन्द कुमार सरोज के नेतृत्व में कई जगह पुलिस तैनात की गई थी। राम-रावण का रथ ज्यों ही दशहरा मैदान में पहुंचा उस समय दशहरा मैदान दर्शकों से खचाखच भर गया। दशहरा मैदान में राम -रावण के घमासान युद्ध के साक्षी बने श्रीमद्भागवत पुराण के कथावाचक पंडित निर्मल कुमार शुक्ल, हाईकोर्ट प्रयागराज के स्टेट ला आफिसर नरेन्द्र नारायण गुप्त,दैनिक जागरण संवाददाता राकेश कुमार मिश्र,अमर उजाला के पत्रकार हरिभूषण शुक्ल, पत्रकार अंकित मिश्रा, दिलीप दूबे, संजीव केसरीभाजपा के जिला उपाध्यक्ष विपुल सिंह, ग्राम प्रधान महोगढ़ी सुरेश कुमार केशरी,देवहट -ड्रमंडगंज के प्रधान कौशलेंद्र कुमार तथा दर्जनों वरिष्ठ नागरिक।राम -रावण के घमासान युद्ध बहुत देर तक चलता रहा।अंत में विभीषण ने श्रीराम से कहा कि प्रभु रावण की नाभि में अमृत है।राम ने रावण की नाभि में बाण मारकर रावण बध किया। लोहे के रावण का सिर कटते ही श्रीराम की जय हो के उद्घोष से दशहरा मैदान गूंज उठा। उक्त अवसर पर श्रीरामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लवकुश केशरी, ओमकार केशरी, अनिल केशरी, कृष्ण गोपाल केशरी, पत्रकार ज्ञान दास गुप्त, राजेन्द्र सेठ, सहित श्रीरामलीला कमेटी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। मेला सकुशल संपन्न होने के बाद श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष अंजनी कुमार सोनी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
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