लखनऊ,
अमेठी में टीचर्स समेत चार हत्याकांड के पीड़ित परिवार को 33 लाख की मदद;
5 बीघा जमीन भी मिली, कल सीएम योगी आदित्यनाथ ने की मुलाकात थी,
................... प्रतापगढ़ मोबाइल पर बात करते दरोगा का मोबाइल छीना, ट्रेन द्वारा प्रयागराज से प्रतापगढ़ आते समय जोगापुर आउटर पर ट्रेन रुकी ही थी की दरोगा जी ब्लू टूथ लगाकर मोबाइल पर बात कर रहे थे, चोरो ने दरोगा की मोबाइल उड़ा दी! दरोगा के अनुसार उन्होंने चोरो को दौड़ाया भी था लेकिन पकड़ न सके ! जिले में नहीं सुरक्षित है दरोगा जी तो आम जनमानस कैसे रहेगा सुरक्षित ! पुलिस रिकार्डिंग के माध्यम से चोरों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है!
................... आगरा रिश्वत कांड में बड़ी कार्रवाई; SP विजिलेंस शगुन गौतम का तबादला, अब CBCID करेगी जांच आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) आरपी शर्मा रिश्वतकांड में विजिलेंस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. आगरा से लेकर लखनऊ तक रिश्वतकांड की शिकायत हुई. शिक्षक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए. इसके बाद शासन ने एक कमेटी गठित की. कमेटी ने आगरा में आकर बयान लिए. कमेटी की जांच के बाद एसपी विजिलेंस शगुन गौतम का तबादला कर दिया गया. अब मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई है. इधर, शासन ने पहले ही रिश्वतकांड में जेल गए जेडी आरपी शर्मा को निलंबित कर दिया है. अभी आरपी शर्मा जेल में हैं. बता दें कि आगरा में शिक्षा भवन के बाहर 17 अगस्त 2024 को विजिलेंस की टीम ने संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. ये कार्रवाई डीसी वैदिक इंटर कॉलेज शाहगंज के सहायक अध्यापक अजयपाल सिंह शिकायत पर हुई थी. सहायक अध्यापक अजयपाल सिंह का आरोप था कि मेरी नियुक्ति को फर्जी बताने की शिकायत के निस्तारण के एवज में जेडी आरपी शर्मा ने 10 लाख रुपये की डिमांड की है. जिसके एवज में अभी पहली किस्त के रूप में तीन लाख रुपये मांग रहे हैं. जिस पर विजिलेंस एसपी विजिलेंस शगुन गौतम के निर्देश पर विजिलेंस टीम ने सहायक अध्यापक अजयपाल सिंह के जेडी आरपी शर्मा को तीन लाख रुपये की घूस देने पर गिरफ्तार किया था. शिक्षकों ने किया विरोध, कार्रवाई पर उठाए सवाल: जेडी आरपी शर्मा की रिश्वतकांड में गिरफ्तारी के बाद आगरा और आसपास के जिलों के शिक्षकों ने विजिलेंस की कार्रवाई पर सवाल उठाए. कार्रवाई के दौरान के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए. शिक्षक संगठनों ने हंगामा किया. सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन भी किया. विभाग के अधिकारियों का घेराव किया. कहा कि, विजिलेंस ने आरपी शर्मा को साजिश के तहत फंसाया है. शिक्षक संगठनों के विरोध की वजह से ही शासन ने मामले की जांच एक कमेटी से कराई. जांच कमेटी में शामिल सतर्कता राजेश कुमार और विशेष सचिव गृह विभाग वीके सिंह आगरा आए. उन्होंने नौ सितंबर को सर्किट हाउस में जेडी कार्यालय में कर्मचारियों के बयान दर्ज किए. जांच और बयान लेकर गई. टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद एसपी समेत पांच का स्थानांतरण: शासन की गठित कमेटी में शामिल सचिव सतर्कता राजेश कुमार और विशेष सचिव गृह विभाग वीके सिंह ने अपनी रिपोर्ट जो शासन को दी है. इसके बाद 27 सितंबर को आगरा के एसपी विजिलेंस शगुन गौतम का स्थानांतरण झांसी कर दिया गया. उनकी जगह पर झांसी के एसपी विजिलेंस आलोक शर्मा को आगरा भेजा गया है. इसके साथ ही आगरा विजिलेंस सेक्टर में तैनात इंस्पेक्टर दुष्यंत तिवारी, हाकिम सिंह, आरक्षी जितेंद्र और धर्मेंद्र को भी गैर जनपद स्थानांतरित किया गया है. विजिलेंस से एसपी समेत पांचों स्थानांतरण को आरपी शर्मा की गिरफ्तारी के बाद उठे विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. पहले भी विजिलेंस की जांचें सीबीसीआईडी को दी गईं: विजिलेंस में स्थानांतरण की कार्रवाई के बाद अब तीन अक्टूबर को विशेष सचिव रामनगीना मौर्य ने विवेचना विजिलेंस से सीबीसीआईडी स्थानांतरित करने के आदेश जारी किए हैं. विजिलेंस की ट्रैप से पहले प्री-ट्रैप की कार्रवाई की जाती है. सीबीसीआईडी ये जांच भी करेगी कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जो आरोप लगाए गए हैं. सीबीसीआईडी की जांच में विजिलेंस टीम में शामिल पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस सकती है. पहले भी विजिलेंस की कार्रवाई पर प्रदेश में सीबीसीआईडी ने जांच की है. इस मामले की विवेचना अब सीबीसीआईडी में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे.
................. कौन है बिहार का शातिर अपराधी बाबर? जिसका पूर्णिया में STF ने किया एनकाउंटर पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया में एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई सामने आयी है. एसटीएफ ने बिहार के कुख्यात अपराधी बाबर को एनकाउंटर में मार गिराया है. पुलिस ने यह कार्रवाई अमौर थाना क्षेत्र में की है. पुलिस के मुताबिक बाबर पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था. वह काफी समय से फरार चल रहा था. इस कार्रवाई से पुलिस पदाधिकारी को बड़ी राहत मिली है. आधी रात में मारा गया बाबरः जानकारी के मुताबिक रविवार की रात आधी रात में पुलिस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. अमौर थाना से करीब 2 किमी दूर धान खेत में अपने कुछ सहयोगियों के साथ छिपा हुआ था. इसी सूचना पर पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ की टीम ने बाबर को घेर लिया. हालांकि इस दौरान बाबर ने भागने की कोशिश की. जिसके बाद पुलिस की ओर से उसपर गोली चलायी गयी. गोली लगते ही बाबर घटनास्थल पर ढेर हो गया. एसपी ने की घटना पुष्टिः पूर्णिया सदर एसडीपीओ के मुताबिक बाबर पर बिहार और बंगाल में डकैती, लूट और कई दूसरे मामलों में लगभग 2 दर्जन से अधिक केस दर्ज थे. लंबे समय से फरार चल रहा था. इस मामले में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने जानकारी दी है कि इसको लेकर प्रेस कांफ्रेंस किया जाएगा. पुलिस पूरी घटना का खुलासा करेगी. 7 कांड में था फरारः मो. बाबर किशनगंज का रहने वाला था. बीते दिनों लंबे समय से फरार बाबर को लेकर पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआईजी के निर्देश पर किशनगंज पुलिस ने टॉप टेन अपराधियों की सूची जारी की थी. इसमें मोहम्मद बाबर भी शामिल था. इसपर 7 कांड दर्ज हैं. कुख्यात को पकड़वाने वाले को 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी. इसको लेकर एसपी का मोबाइल नंबर भी जारी किया गया था. रविवार को गुप्त सूचना के आधार पर बाबर पुलिस की गोली से मारा गया.
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