रिलेशनशिप क्या है इसकी आवश्यकता क्यों है ््््््््््््््््््््््््््
रिलेशनशिप का सामान्यतः अर्थ पति-पत्नी या गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड का ही माना जाता है लेकिन रिलेशनशिप का यह अर्थ या परिभाषा नहीं है
रिलेशनशिप अर्थात रिश्ता यह कई प्रकार का होता है दो इंसानों के मध्य होने वाले संबंध को रिश्ता या रिलेशनशिप कहा जाता है ऐसे रिलेशनशिप है जो जन्म से ही या रक्त संबंधों द्वारा होता है जैसे माता और पुत्र पिता और पुत्र या पुत्री यह संबंध जन्म से ही बन जाता है और जब तक दोनों जीवित रहते हैं तब तक यह संबंध चलता रहता है रक्त संबंधों का संबंध है एक ही परिवार में जन्म लेने वाले लोगों के मध्य संबंध स्वत बन जाते हैं और जब तक लोग जीवित रहते हैं तब तक के संबंध चलते रहते हैं इसके अतिरिक्त एक इंसान दूसरे इंसान से सामाजिक आर्थिक राजनीतिक अथवा करियर से संबंधित संबंध बनाता है यह बनते बिगड़ते रहते हैं नए बनते हैं पुराने खत्म होते हैं आवश्यकता के अनुसार रिलेशनशिप चलता रहता है
अब सबसे महत्वपूर्ण रिलेशनशिप मेल और फीमेल के मध्य होता है जिसे पत्नी प्रेमिका प्रेमी पति आदि के रूप में होता है क्योंकि यही रिलेशनशिप समाज की बुनियाद है यहीं से सारे रिश्ते आगे चलते हैं बनते हैं बिगड़ते हैं यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है इसी से सोसाइटी चलती है इसी से हम लोगों का अस्तित्व है
वैसे एक मेल फीमेल से रिलेशनशिप कायम करता है यहीं से फैमिली की बुनियाद पड़ती है और इसी से समाज बनता है यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है दो विपरीत लिंग एक दूसरे से मिलते हैं इनके मध्य प्रेम अथवा डायरेक्ट विवाह या अन्य आधुनिक युग में लिव इन रिलेशनशिप के रूप में संबंध बनते है
प्रश्न यह उठता है कि रिलेशनशिप की आवश्यकता क्या है क्यों जरूरी है दो विपरीत लिंग के मिलने की क्या आवश्यकता है तो सबसे बड़ी चीज शारीरिक और मानसिक रूप से दो विपरीत लिंग का मिलन अति अनिवार आवश्यकता है क्योंकि प्राकृतिक रूप से इंसान की आवश्यकता है मानव की निरंतरता बनी रहे इसके लिए भी रिलेशनशिप अति अनिवार्य आवश्यकता है मानव एक विवेकवान संवेदनशील प्राणी है जीवन में अनगिनत समस्याएं हैं आवश्यकताए है शारीरिक मानसिक मनोवैज्ञानिक आवश्यकताएं हैं एक दूसरे की अनिवार्य आवश्यकता है यह आवश्यकता है दोनों से मिलकर रिलेशनशिप बनती है इसी से समाज बनता है और मानव उच्चतम स्तर पर विकास करता है
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